कोरोना संक्रमण का खतरा वैश्विक स्तर पर पिछले चार साल से अधिक समय से बना हुआ है। हाल के महीनों में ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट के कारण भारत सहित कई देशों में अचानक से संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़े। शोधकर्ताओं ने एक हालिया रिपोर्ट में चीन में फिर से संक्रमण बढ़ने को लेकर चेतावनी जारी की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, सभी लोगों को कोरोना से बचाव करते रहने की आवश्यकता है। जिस प्रकार से नए वैरिएंट्स की प्रकृति देखी जा रही, उसने सभी लोगों में संक्रमण के खतरे को बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया, भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 121 नए मामले सामने आए हैं, देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 856 रह गई है। महाराष्ट्र में 24 घंटे की अवधि में एक नई मौत की सूचना मिली है। 31 दिसंबर, 2023 को एक दिन में अधिकतम 841 नए मामले सामने आए, इसके बाद से दैनिक संक्रमण के मामले काफी नियंत्रित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि दुनियाभर में कोविड-19 अब तक 223 बार म्यूटेट हो चुका है, कोरोना के कई नए सब-वैरिएंट्स सामने आए हैं पर अब गंभीर रोगों का खतरा कम देखा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 भी इन्फ्लूएंजा की तरह ही बना रहेगा और इसके मौजूदा वैरिएंट ज्यादा घातक नहीं हैं।उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “जब कोई वायरस 100 से अधिक बार उत्परिवर्तित होता है, तो उसके हानिकारक प्रभाव कम हो जाते हैं। कोविड भी कई बार उत्परिवर्तित हो गया है। अब तक, कोविड वायरस में 223 बार उत्परिवर्तन हो चुका है। इन्फ्लूएंजा की तरह कोविड-19 भी हमेशा हमारे साथ बना रह सकता है, साल में दो बार इससे लोगों के प्रभावित होने का खतरा हो सकता है।