भुजंगासन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से शरीर सुडौल और आकर्षक बनता है। यह तनाव और थकावट को भी दूर करता है।
मां बनने के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा महिलाएं अपने बढ़े हुए वजन को लेकर परेशान रहती हैं। हालांकि प्रसव के बाद भी आसानी से वजन कम नहीं हो पाता। डिलीवरी के बाद महिलाओं में सबसे ज्यादा बेली फैट की समस्या होती है। कई बार तो यह बॉडी फैट इतना बढ़ जाता है कि महिलाओं को काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ योगासन बताएंगे, जिनके जरिए महिलाएं प्रसव के बाद अपने बढ़े हुए वजन को आसानी से कम कर सकती हैं।
नावासन: नावासन पेट की चर्बी को कम करने में काफी मदद करता है। इस योगासन का नाम ‘नाव’ शब्द पर रखा गया है। नियमित तौर पर इसके अभ्यास से एब्स मजबूत होते हैं। इसके साथ ही नावासन किडनी, थायराइड, आंत और प्रोस्टेट ग्रंथियों को उत्तेजित करता है। यह पाचन को भी दुरुस्त बनाता है।
भुजंगासन: इस आसन में शरीर सांप की तरह दिखता है। यह ना सिर्फ मोटापा और बेली फैट को कम करने में मदद करता है। बल्कि भुजंगासन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से शरीर सुडौल और आकर्षक बनता है। यह तनाव और थकावट को भी दूर करता है। जिन महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म की समस्या हैं, उनके लिए भी यह लाभदायक साबित हो सकता है।
उष्ट्रासन: इस आसन में शरीर ऊंट की तरह दिखता है। यह व्यक्ति के मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। प्रसव के बाद महिलाओं का मोटापा कम करने में भी उष्ट्रासन को फायदेमंद माना गया है।
मत्स्यासन: नियमित तौर पर मत्स्यासन का अभ्यास करने से सीना चौड़ा होता है। इस आसन में शरीर मछली के आकार का लगता है। इस आसन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से स्त्रियों के गर्भास्य और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। प्रसव के बाद महिलाएं अपने रुटीन में इस आसन को शामिल कर सकती हैं।
मार्जरासन: इस आसन को कैट पोज भी कहा जाता है। इस आसन का नियमित तौर पर अभ्यास करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियां लचीली और मजबूत बनती हैं। प्रसव के बाद महिलाएं इस योगासन को अपने डेली रुटीन में शामिल कर सकती हैं।