हेल्थ प्रेग्नेंसी :ब्रेस्टफीडिंग से मां-शिशु को होते हैं कई फ़ायदे-जानिये माँ और होने वाले बच्चे के स्वस्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को –

कम से कम 2 साल तक की अवधि के लिए विशेष मातृ स्तनपान की सिफ़ारिश करते हैं. स्तनपान को प्रोत्साहित करना प्रत्येक हेल्थ प्रोवाइडर, माता-पिता और देखभाल करनेवाले की साझी ज़िम्मेदारी है. यही इस बार का थीम भी था यानी स्तनपान की सुरक्षा वाक़ई में साझी ज़िम्मेदारी है. इस स्तनपान सप्ताह में उपरोक्त सभी बातों पर प्रकाश डालने के अलावा मांओं को जागरूक भी किया गया.
मां का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जैसे- आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन, खनिज और अमीनो एसिड जिनका संबंध बेहतर संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली, भाषा विकास और ज्ञान तंतुओं के विकास से होता है.
पोषण के दृष्टिकोण से, बच्चे के ज्ञान तंतुओं के विकास के साथ-साथ अन्‍य विकासात्‍मक विकारों में मां के दूध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जैसे- अटेंशन-डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी विकार एवं मोटर डेफिसिट्स. स्‍तनपान करनेवाले शिशुओं में एटोपिक डर्मेटाइटिस एवं गैस्ट्रोएंटेराइटिस का ख़तरा कम होता है