कोविड के बाद अब दुनिया पर मंकीपॉक्स वायरस का खतरा मंडरा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर चेताया है कि मंकीपॉक्स संक्रमण तेज हो सकता है। अब तक अफ्रीका, यूरोप के नौ देशों के अलावा अमेरिका, कनाडा व आस्ट्रेलिया में भी इसके मामले मिले हैं। इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है।मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच डब्ल्यूएचओ की यूरोप इकाई ने शुक्रवार को इस मामले में आपात बैठक की। इसके एक शीर्ष अधिकारी ने बैठक के बाद कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही यह वायरस और तेजी से फैल सकता है।
- मंकीपॉक्स चेचक से मिलता-जुलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपॉक्स हो सकता है)
- यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है।
3.अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि देश में फिलहाल इसकी जोखिम कम है, लेकिन कुछ समय बाद यह बढ़ सकता है। - यूरोप में इसके अब तक 100 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। स्पेन में शुक्रवार को 24 मामले मिले।
- यह आमतौर पर पश्चिमी व मध्य अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स वायरस के कारण फैला है।
- मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ मनुष्यों में प्रकट होता है।
- इस बात की आशंका कम है कि यह महामारी लंबे समय तक चलेगी। संक्रमितों को आइसोलेट कर इस पर काबू किया जा सकता है। दवाएं और प्रभावी टीके भी उपलब्ध हैं।
- मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाली बीमारी है।
- मंकीपॉक्स वायरस घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और बिस्तर से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
10.यह कोविड वायरस जितना संक्रामक नहीं है।
11.बड़े समारोहों, त्योहारों व पार्टियों आदि में यदि कोई मंकीपॉक्स संक्रमित शरीक हुआ तो वह अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकता है।