गांव, गरीब और किसानों की खुशहाली को संकल्पित योगी सरकार 2.0 ने गन्ना मूल्य भुगतान में एक और कीर्तिमान बनाया है । सरकार ने हाल ही में संपन्न पेराई सत्र 2021-22 के गन्ना मूल्य का 22957.50 करोड़ का भुगतान कर दिया है । यह रकम इस सत्र के गन्ना मूल्य के 72 फीसद से अधिक है । वहीं पिछले चार सत्रों का लगभग शत प्रतिशत भुगतान करने वाली पहली सरकार है। प्रदेश सरकार 2017 से अब तक 170938.95 करोड़ का भुगतान कर नया रिकॉर्ड कायम किया है।
2017 में सत्ता में आते ही योगी सरकार की कैबिनेट ने पहला निर्णय किसानों की कर्जमाफी का लिया था। इसके बाद गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान की ठोस पहली की । इसी का नतीजा है कि सरकार अब तक एक लाख सत्तर हजार करोड़ से अधिक बकाये का भुगतान कर एक नजीर पेश की है । अब कहीं किसानों द्वारा खेत में गन्ना जलाने और बकाये के खिलाफ आक्रोश नहीँ फूटता है। अब मिलें खेत में गन्ना रहते तक चलती हैं। यहाँ तक कि कोरोना कालखंड में यूपी की सभी मिलें पूरी क्षमता से चलीं और चीनी उत्पादन का देश में रिकॉर्ड बनाया। योगी सरकार 2.0 में भी बकाये गन्ना मूल्य भुगतान में सरकार तेजी से काम कर रही है।
आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो योगी सरकार पिछले दो सत्रों (2019-20 व 2018-19) का शत प्रतिशत और दो सत्रों का 99 प्रतिशत से अधिक का भुगतान कर किसान हितैषी होने के नारे को सार्थक साबित किया है। पेराई सत्र (2021-22) में मिलों ने 964.57 लाख टन गन्ने की पेराई कर 97.68 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। सरकार ने 22957.50 करोड़ (72.25 प्रतिशत) का भुगतान किया। वहीं सत्र 2020-21 में 32928.63 करोड़ का भुगतान हुआ जो 99.74 फीसद है। जबकि सत्र 2019-20 और 2018-19 में क्रमशः 35898.85 और 33048.06 करोड़ का भुगतान हुआ जो गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत है। सत्र 2017-18 में 25364.21 करोड़ का भुगतान किसानों को किया गया जो 99.91 प्रतिशत है। इस प्रकार योगी 1.0 और योगी सरकार 2.0 में नगदी फसल गन्ना के लेकर यूपी के गन्ना किसानों का बकाया अब न के बराबर रह गया है।