मेडिकल छात्रों ने JLNMCH आउटडोर को किया, बाधितप्रश्नों के सही उत्तर देने के बाद भी हो गए फेल

मेडिकल प्रथम वर्ष की परीक्षा में जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के 39 छात्र फेल हो गए। इससे आक्रोशित विद्यार्थियों ने सोमवार को अस्पताल के आउटडोर को दो बार बाधित कर दिया। जिससे एक घंटे तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। मरीजों के इलाज पर भी असर पड़ा। आक्रोशित छात्र कापी की फिर से जांच कराने की मांग कर रहे थे। अपना विरोध जताने के लिए उन्होंने कुछ देर के लिए धरना भी दिया। परीक्षा आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा ली गई थी। सोमवार को सुबह नौ बजे छात्र आउटडोर विभाग आए और प्रवेश द्वार को बंद कर दिया। रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बंद करवा दिया। हालांकि 10 मिनट के बाद मरीजों का रजिस्टेशन फिर से शुरू हो गया। दोबारा करीब साढ़े नौ बजे छात्रों ने रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद करवाया। 15 मिनट बाद फिर से रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया। आक्रोशित छात्र एकेयू हाय-हाय, फ्यूटर मैटर आदि लिखे बैनर भी लिए हुए थे, साथ ही विवश्विद्यालय के विरोध में नारा भी लगा रहे थे। छात्रों ने कहा कि दो वर्ष से प्रथम वर्ष में हैं। तीन माह बाद द्वितीय वर्ष की परीक्षा देनी है। परीक्षा देने के छह माह बाद 31 अगस्त को रिजल्ट आया तो 39 छात्रों को फेल कर दिया गया। थ्योरी की परीक्षा पटना में ली गई थी। विश्वविद्यालय के कंट्रोलर से बात करने की कोशिश की पर उन्होंने बात नहीं की।

आरटीआइ द्वारा उत्तर पुस्तिका निकलवाई गई तो प्रश्नों के उत्तर सही मिले। इसके बाद भी फेल करना आश्चर्यजनक लगा। 75 फीसद माक्र्स काट लिए गए। जबकि वाइवा और प्राइक्टिकल में 99 फीसद छात्र पास हैं। यह परीक्षा भागलपुर में ली गई थी। विवि की गलती से उनलोगों का एक वर्ष खराब हो गया।

प्रथम वर्ष के 116 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इनमें 77 पास और 39 छात्रों को थ्योरी में फेल किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में कभी भी छात्र फेल नहीं हुए थे। पांच से 10 छात्र फेल होते थे। छात्रों ने फिर से मूल्यांकण करवाने के लिए आवेदन दिया है।