मिर्जापुर जिला कारागार दो वर्ष से सजा काट रही बांग्लादेश की महिला नसीमा परवीन पुत्री नजुल इस्लाम की 12 सितंबर को दो साल की सजा पूरी होने पर उसे रिहा कर दिया गया। अब वह अपने देश वापस लौट सकेगी। इसके लिए महिला को जेल प्रशासन ने स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। जो महिला को लेकर देश की राजधानी दिल्ली जाएगी। वहां बीएएसएफ को सौपेगी। उसके बाद बंग्लादेश बार्डर पर रहने वाले जवानों के माध्यम से उसे बांग्लादेश भेज दिया जायेगा।
बार्डर पर बांग्लादेश के जनपद रसई थाना चिरीबंदोर क्षेत्र के चकमुसा हासीपुर निवासी नसीमा वर्ष 2019 में भटककर भारत में चली आई थी। उसे जिले के देहात कोतवाली के जसोवर में ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर पकड़ लिया था। जिससे उसकी पिटाई होने की जानकारी पुलिस को हुई तो उसे हिरासत में लेकर थाने ले आई थी। उसके बाद उसे न्यायालय में पेश करने पर जेल भेज दिया गया था। न्यायालय तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने नसीमा को बिना वीजा के दूसरे देश में प्रवेश करने के आरोप को सिद्ध पाते हुए उसे दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया था।
अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त सजा काटने का आदेश दिया था। महिला दो वर्ष एक महीने का सजा कटाकर 12 सितंबर को बाहर आ गई। यहां उसकी मुसीबत हल नहीं हुई। जेल प्रशासन ने उसे रिहा जरुर कर दिया, लेकिन दूसरे देश की महिला होने के कारण उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। अब पुलिस उसे दिल्ली लेकर जाएगी। जहां महिला को बीएएसएफ को सौंपा दिया जाएगा।बांग्लादेश बार्डर पर तैनात देश के बीएएसएफ जवान के जरिये उसे बांग्लादेश को सौप दिया जायेगा।
जिला कारागार में बंद बांग्लादेशी महिला की सजा पूरी हो चुकी है। जिला कारागार प्रशासन ने उसे पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस उसे दिल्ली बीएसएफ को सौंपेगी। वहां से बांग्लादेश बॉर्डर पर जवानों को सौप दिया जाएगा। जो उसे घर पहुंचाने का कार्य करेगी।
एएसपी, सिटी संजय वर्मा