करनाल। किसान आंदोलन के कारण करनाल में तीन दिनों से इंटरनेट बंद है। उपद्रव न हो और अफवाहें न फैलें, इसके लिए लिया गया प्रशासन का यह निर्णय युवाओं एवं विद्यार्थियों के भविष्य के लिए संकट का सबब बनता जा रहा है। जिन विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षाएं चल रही हैं, वे न दे पाने से परेशान हैं। इनके अलावा जिनको आगे परीक्षाएं देनी हैं, उनकी तैयारी पर इसका असर पड़ रहा है। ऐसे में हर कोई प्रशासन के इस निर्णय को कोसने में लगा है।
12 सितंबर को एचसीएस (हरियाणा सिविल सर्विस) और मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा है। दोनों ही परीक्षाएं युवाओं के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन प्रशासन ने इसकी चिंता किए बिना इंटरनेट सेवा को बंद करवा रखा है।
उधर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से स्नातक और स्नातकोत्तर के विभिन्न कोर्स की परीक्षाएं चल रही हैं। ज्यादातर विद्यार्थियों ने कोरोना के कारण परीक्षा के लिए ऑनलाइन विकल्प ही चुना हुआ है, लेकिन इंटरनेट बंद होने के कारण ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं दे पा रहे। ऐसे में युवाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूली बच्चों की पढ़ाई और कॉलेजों की दाखिला प्रक्रिया भी प्रभावित है। ब्यूरो
छोटी कक्षाओं की पढ़ाई तीन दिन से बंद
पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के लिए स्कूल खुले हुए हैं। जबकि इससे छोटी कक्षाओं के विद्यार्थी घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं। सरकारी और निजी मिलाकर 489 स्कूलों के 35 हजार विद्यार्थी इन कक्षाओं में पढ़ते हैं। इनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी केवल मोबाइल नेट से ही पढ़ते हैं लेकिन तीन दिन से इंटरनेट बंद होने के कारण इनकी पढ़ाई बाधित है। वहीं पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के भी 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को स्कूल बुलाया जाता है। अन्य विद्यार्थी भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। वीरवार को सुबह थोड़ी देर की इंटरनेट चला तो छोटे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई लेकिन अचानक सेवा फिर से बंद करवा दी गई। इससे उनकी पढ़ाई पर भी विराम लग गया।
विश्वविद्यालय अपने स्तर पर व्यवस्था के लिए कह चुका
इधर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय करनाल के विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए इंटरनेट की व्यवस्था खुद करने के लिए कह चुका है। बुधवार को इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं। इसमे कहा गया है कि यदि विद्यार्थी यह व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, तो वे ऑफलाइन मोड में परीक्षा केंद्र पर जाकर अपनी परीक्षाएं दे सकते हैं। परीक्षा नियंत्रक के अनुसार, विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं।
क्यों हमारे भविष्य से खिलवाड़ कर रहा प्रशासन
इधर, सदर बाजार के मोहित, शैंकी और कीर्ति गुप्ता का कहना है कि प्रशासन उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। एचसीएस और नीट की परीक्षाओं के लिए के लंबे समय से युवा तैयारी कर रहे हैं। परीक्षाएं नजदीक हैं, इस समय सिलेबस को देखना होता है। इंटरनेट बंद होने के कारण न तो सिलेबस पर नजर मार पा रहे हैं और न ही अन्य सामग्री जुटा पा रहे हैं। यदि इंटरनेट नहीं चला तो एडमिट कार्ड डाउनलोड करने में भी दिक्कत आएगी।
मोबाइल पर मैसेज नहीं आ रहे, कल लिस्ट भी होगी जारी
कॉलेजों की दाखिला प्रक्रिया में भी इंटरनेट बंद होना रोड़ा बन रहा है। इस दौरान आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के मोबाइल पर उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से मैसेज नहीं आ पा रहे। न ही आवेदन में त्रुटि दूर करने के लिए ओटीपी मिल पा रहा है। राजकीय पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. राजेश रानी का कहना है कि 11 सितंबर को ऑनलाइन पहली मेरिट लिस्ट जारी होगी, नेट बंद होने से इसे देखने में भी दिक्कत आएगी और कॉलेजों का भी दाखिला प्रक्रिया संबंधित कार्य प्रभावित हो रहा है।