शिक्षक दिवस पर रविवार को उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शिक्षकों के लिए कई घोषणाएं कीं। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) व उच्च शिक्षा विभाग की ओर से लविवि में आयोजित जिले के शिक्षकों के सम्मान समारोह में उन्होंने घोषणा की कि शिक्षकों को पांच पीएचडी इंक्रीमेंट की संस्तुति जल्द की जाएगी। इतना ही नहीं राजकीय व शासकीय महाविद्यालय के पीएचडी न कर पाने वाले नियमित शिक्षकों के पीएचडी करने का रास्ता साफ हो गया है।
यूजी-पीजी में पढ़ाने वाले महाविद्यालयों के वे शिक्षक जिनके पांच रेफरीड जर्नल प्रकाशित हुए हों, उन्हें पीएचडी कराने की भी संस्तुति कर दी गई है। डॉ. शर्मा ने कहा कि लविवि को सर्वाधिक शोध प्रोजेक्ट मिले हैं। शिक्षकों की चिकित्सा सुविधा का प्रस्ताव भी वित्त विभाग को भेज दिया गया है। विवि को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए ही चार जिलों के कॉलेज यहां संबद्ध किए गए हैं। अब गुणवत्ता बनाए रखना व साख बचाना विश्वविद्यालय का काम है। इसके अलावा भी जो मांग होगी वह पूरी की जाएगी।
पूर्व शिक्षकों का विवरण भी वेबसाइट पर हो अपलोड
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोई भी शिक्षक सेवानिवृत्त नहीं होता। वह सेवाव्रत होता है। विवि को अपने पूर्व शिक्षकों का विवरण अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर इसे देखा जा सके। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि हमारी पहचान शिक्षकों से ही है। स्वागत करते हुए लूटा अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा ने विवि को केंद्रीय दर्जा देने व अन्य मांगों की तरफ ध्यान आकृष्ट किया। लूटा महामंत्री डॉ. विनीत वर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. एनके पांडेय ने किया। कार्यक्रम में डॉ. दिनेश शर्मा ने लूटा महामंत्री डॉ. राजेंद्र वर्मा की किताब ‘दलित चेतना और मानववाद: एक दार्शनिक मूल्यांकन’ का विमोचन भी किया।
इनका हुआ सम्मान
प्रो. यूएन द्विवेदी, प्रो. पीसी मिश्रा, प्रो. जेके शर्मा, प्रो. सेशु लवानिया, प्रो. कालीचरण सनेही, प्रो. एनके खरे, प्रो. पल्लवी भटनागर, प्रो. पद्मकांत, प्रो. डीएनएस यादव, प्रो. मोहम्मद आरिफ अयूबी, प्रो. गीता अस्थाना, प्रो. राम सुमेर यादव, डॉ. नीरज जैन, प्रो. आरएन यादव, प्रो. डीपी तिवारी, प्रो. प्रेम शंकर तिवारी, प्रो. केके अग्रवाल, प्रो. अरुण शुक्ला, प्रो. एके जायसवाल, डॉ. टीपी राही (सभी सेवानिवृत्त) व वर्तमान शिक्षक प्रो. एसपी त्रिवेदी, प्रो. पूनम टंडन, प्रो. अनिल मिश्रा, प्रो. एएम सक्सेना, प्रो. राम मिलन, डॉ. संजय मेधावी, डॉ. अंबरीष शिया पीजी कॉलेज, डॉ. नीरज शुक्ला ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि, लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय व महामंत्री डॉ. अंशू केडिया।