वर्ष 2021 में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर मुख्य और समस्त सेमेस्टर परीक्षआों में पेपर देने से वंचित रहे अथवा अंकों से अंसतुष्ट छात्रों के लिए चौ.चरण सिंह विवि स्पेशल परीक्षा कराएगा। एक सितंबर से स्पेशल बैक परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन भरे जाएंगे। सम-विषम सेमेस्टर में से कोई एक सेमेस्टर के सभी पेपर छात्र इस परीक्षा में दे सकेंगे। 2020 में किसी पेपर में कम नंबर अथवा पेपर नहीं दे पाने वाले छात्र भी स्पेशल बैक परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
विवि स्पेशल बैक परीक्षा के जरिए कोरोना से प्रभावित स्टूडेंट को डिग्री पूरी करने और अंक सुधार का मौका देगा। फॉर्म 15 सितंबर तक भरे जाएंगे। अंतिम तिथि को विवि समीक्षा करते हुए आवेदन तिथि बढ़ाने और परीक्षा कार्यक्रम पर निर्णय लेगा। कुलपति प्रो.एनके तनेजा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई परीक्षा समिति में उक्त फैसला हुआ। प्रोवीसी प्रो.वाई विमला, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा, सहायक कुलसचिव कमल कृष्ण, प्रो.नवीनचंद्र लोहानी, प्रो.मृदुल गुप्ता, प्रो.हरे कृष्णा, प्रो.वीरपाल सिंह, प्रो.एसएस गौरव, डॉ.अंजलि मित्तल, डॉ.मुकेश कुमार, डॉ.अंजु सिंह, डॉ.मीना कुमारी, मितेंद्र कुमार गुप्ता मौजूद रहे।
कालबाधित छात्र भी कर सकेंगे डिग्री पूरी
मेरठ। स्पेशल बैक परीक्षा में काल बाधित यानी टाइम बार्ड स्टूडेंट भी अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे। तय अवधि से एक साल अधिक होने पर पांच हजार और दो साल अधिक होने पर दस हजार रुपये की अतिरिक्त फीस देनी होगी। विशेष स्थिति में दो साल से अधिक समय वाले छात्र भी अनुमति लेकर फॉर्म भर सकेंगे।
मेडिकल सहित सभी प्रैक्टिकल अंक ऑनलाइन
मेरठ। विवि ने मेडिकल सहित सभी परीक्षाओं के प्रैक्टिकल अंक भेजने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की बाध्यता कर दी है। अभी तक मेडिकल के प्रैक्टिक अंक ऑनलाइन नहीं आने थे। विवि के अनुसार अब मेडिकल सहित समस्त कॉलेजों से प्रैक्टिकल अंक केवल ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। विवि ने बीएड में ऑनलाइन अंक अपलोड नहीं करने वाले बीएड कॉलेजों को भी राहत देते हुए अंक अपलोड करने की छूट दे दी है।
थ्योरी के अंकों से 15 फीसदी अधिक प्रैक्टिकल के नंबर
मेरठ। मुख्य परीक्षा में प्रैक्टिकल नहीं होने पर विवि ने अंक देने का फॉर्मूला तय कर दिया है। पहले थ्योरी में 60 फीसदी से कम नंबर लाने वाले छात्रों को प्रैक्टिकल में 60 फीसदी और इससे अधिक को थ्येारी के बराबर ही अंक देने का प्रस्ताव था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। छात्र थ्योरी में जो भी अंक प्राप्त करेगा उसमें 15 फीसदी अंक बढ़ाकर प्रैक्टिकल में दिए जाएंगे। यानी यदि किसी छात्र ने थ्योरी में 40 अंक प्राप्त किए तो उसे प्रैक्टिकल में इसके 15 फीसदी अधिक नंबर देकर 46 अंक दिए जाएंगे।
अब सौ नहीं, 150 कॉपी हर रोज चेक करेंगे शिक्षक
मेरठ। विवि ने मूल्यांकन केंद्रों पर प्रति शिक्षक कॉपी की संख्या सौ से बढ़ाकर डेढ़ सौ कर दी है। इसके बाद प्रत्येक शिक्षक अब हर रोज डेढ़ सौ कॉपियों को चेक कर सकेगा।
रामा मेडिकल कॉलेज का रिजल्ट रुका, जांच होगी
मेरठ। एमबीबीएस सेकेंड और फाइनल इयर में छात्रों के प्रैक्टिकल अंक में ओवर-राइटिंग करने के मामले में विवि ने जांच समिति बना दी है। विवि के अनुसार जिन आठ छात्रों के अंकों में छेड़छाड़ है उसमें डीन साइंस,डीन लॉ एवं डीन मेडिसन की कमेटी जांच करेगी। बाकी छात्रों का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
प्रमोशन के नियम स्वीकार, जल्द आएंगे रिजल्ट
मेरठ। विवि ने बिना परीक्षा प्रथम वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने और सेमेस्टर में विषम सेमेस्टर के आधार पर सम सेमेस्टर में अंक देने के शासन के नियमों को स्वीकार कर लिया है। विवि जल्द ही इन नियमों के आधार पर रिजल्ट जारी कर देगा। इसके बाद कॉलेजों में अगली कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। विवि ने सेमेस्टर के रिजल्ट को भी रिवाइज करने को हरी झंडी दे दी है। दिसंबर 2020 के सेमेस्टर में श्रेष्ठ विषयों के अंकों को ही औसत माना जाएगा। विवि ने थ्योरी देने और इंटरनल में गैर-हाजिर रहने वाले छात्र को बाद के इंटरनल के आधार पर पास करने को अनुमति दी है। अभी तक इंटरनल में फेल या गैर-हाजिर रहने पर छात्र को थ्येारी के समस्त पेपर दोबारा देने होते थे, लेकिन विशेष स्थिति में विवि ने इस बाध्यता को खत्म करते हुए छात्र को राहत दे दी।