NEP 2020 : नई शिक्षा नीति के तहत सत्र 2020-21 में होने वाले बदलाव के तहत विश्वविद्यालय के एक कैंपस को एक महाविद्यालय इकाई जैसा माना जाएगा। एकेडमिक बैंक फार कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स आफ यूपी (एबेकस-यूपी) में पंजीकरण के लिए इस कैंपस में विश्वविद्यालय के किसी प्रोफेसर को प्राचार्य जैसी जिम्मेदारी के लिए अधिकृत किया जाएगा।
इस प्रदेश स्तरीय एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट के माध्यम से विद्यार्थियों को अंकपत्र व डिग्रियां तो मिलेंगी ही विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में स्थानान्तरण भी हो सकेगा। एबेकस-यूपी के उपयोग के लिए शिक्षण संस्थाओं का पंजीकरण होगा। सबसे पहले विश्वविद्यालय के कुलसचिव अपने मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी के माध्यम से इस पोर्टल पर पंजीकरण करेंगे। लॉग इन के बाद वे अपने विश्वविद्यालय का नाम चुनकर वांछित सूचनाएं तथा अपने नोडल अधिकारी का विवरण भरकर सबमिट करेंगे। कुलसचिव द्वारा भरी गई सूचना का सत्यापन कुलपति द्वारा किया जाएगा। शिक्षण कार्यों के लिए विश्वविद्यालय के एक कैंपस को एक महाविद्यालय इकाई जैसा माना जाएगा। ये कैंपस महाविद्यालय पंजीकरण प्रक्रिया के तहत पंजीकरण करेंगे। कुलपति एक वरिष्ठ प्रोफेसर (प्राचार्य के स्थान पर) को नामित करेंगे, जो महाविद्यालय पंजीकरण प्रक्रिया के तहत पंजीकरण करेंगे और उसका सत्यापन कुलसचिव करेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया के बाद विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय कैंपस और महाविद्यालय अपने आधारभूत संरचना, शिक्षक, विभाग, पाठ्यक्रम व विषय आदि का विस्तृत डाटा अपलोड करेंगे।
राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य द्वारा भरी गई सूचना का सत्यापन निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा किया जाएगा। सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा भरी गई सूचना का सत्यापन प्रथम स्तर पर संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा और द्वितीय स्तर पर निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा किया जाएगा। यदि कोई सूचना गलत होती है तो प्राचार्य के मोबाइल नंबर और ई-मेल पर उसकी सूचना पहुंच जाएगी और प्राचार्य द्वारा लॉग-इन के माध्यम से उसे सही किया जाएगा।