बुधवार 18 अगस्त को विधानमंडल में प्रस्तुत किए जाने वाले अनुपूरक बजट से राज्य सरकार अपनी प्राथमिकता की योजनाओं को गति देने की तैयारी में है। इस अनुपूरक बजट का आकार 30 हजार करोड़ रुपये से भी बड़ा हो सकता है। प्रदेश सरकार की खास प्राथमिकताओं में अयोध्या, काशी के साथ ही गोरखपुर की विकास योजनाओं को भरपूर धनराशि मिलने की उम्मीद है
अनुपूरक के लिए विभागों से आए प्रस्तावों पर सोमवार को देर शाम तक वित्त विभाग में मंथन चलता रहा। सरकार से मिले दिशा-निर्देशों के मुताबिक बजट का खाका खींचने में बजट से जुड़े अधिकारी जुटे हुए थे। प्रस्तावों के सापेक्ष सरकार के खजाने पर आने वाले खर्चे का जोड़ घटाना जारी था। इस अनुपूरक के माध्यम से सरकार का उद्देश्य अगले छह महीने में प्रमुख योजनाओं का काम तेज कर पूरा करने की रहेगी।
सूत्र बताते हैं कि सरकार बजट के माध्यम से वाराणसी में चल रहे श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर प्रोजेक्ट के साथ ही वाराणसी के औद्योगिक क्षेत्र की योजनाओं को अच्छा खासा बजट दे सकती है। इसके साथ ही गोरखपुर की योजनाओं खासकर वहां के औद्योगिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट का प्रबंध हो सकता है। अयोध्या के विकास की योजनाओं के लिए भी अनुपूरक के माध्यम से अच्छी खासी धनराशि दिए जाने की चर्चाएं हैं। इसके साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, डिफेंस कारीडोर, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए भी धनराशि का प्रबंध किया जा सकता है।
मनरेगा के मानदेय कार्मिकों के साथ ही अन्य विभागों के मानदेय कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने का तोहफा भी सरकार दे सकती है। हालांकि इस मुद्दे पर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। चुनावी वर्ष देखते हुए राज्य सरकार सालों से मानदेय वृद्धि का इंतजार कर रहे कार्मिकों को खुश होने का मौका दे सकती है। दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि मानदेय वृद्धि से सरकार के खजाने पर बड़ा भार आ जाएगा। खजाने की मौजूदा स्थिति ऐसी नहीं है कि सरकार यह कदम उठा सके।
सूत्र बताते हैं कि उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 600 करोड़ रुपये की मांग की गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों पर ग्रामीण क्षेत्रों में दाह संस्कार तथा अन्य प्रबंधों पर खर्च हुए स्वच्छ भारत मिशन की धनराशि के भरपाई का प्रबंध भी सरकार अनुपूरक के माध्यम से कर सकती है।