तारिणी बीते दो साल से ऋषिकेश के चंद्रेश्वरगर इलाके में गरीब और जरूरतमंद बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अक्षर ज्ञान दे रही हैं। उन्होंने यहां शक्ति स्कूल ऑफ आर्ट फॉर गर्ल्स के नाम से एक पाठशाला शुरू की है।
विदेशियों का भारत आकर हिंदी सीखने का रुझान पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। तीर्थनगरी ऋषिकेश इसके प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरा है। जहां दुनियाभर के सैलानी महीनों रहकर न सिर्फ हिंदी सीखते हैं, बल्कि यहां की संस्कृति और परंपरा को भी अपनाने का भरसक प्रयास करते हैं।
साउथ अमेरिका वेनेजुएला निवासी तारिणी भी इनमें से एक नाम हैं। उन्होंने यहां रहकर न सिर्फ हिंदी सीखी, बल्कि अब यहीं के बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी का पाठ भी पढ़ा रही हैं।