हैप्पी टू हेल्प फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने कोरोना व टीबी के प्रति जागरूक किया

कोरोना और टीबी के संक्रमण का तरीका और लक्षण मिलते-जुलते हैं, जिसके चलते टीबी के संभावित मरीजों सहित जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसे में संभावित मरीजों को टीबी और कोरोना दोनों की जांच करानी चाहिए। साथ ही इसके फैलाव को रोकने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

यह बातें हैप्पी टू हेल्प फाउंडेशन के स्वयंसेवी ने कहीं। वह उतरौला तहसील क्षेत्र के गांव-गांव जाकर लोगों टीबी और कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं। बुधवार को कचला ईटईरामपुर के मदरसा अबरारूल उलूम में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष अब्दुर्रहमान ने बताया कि टीबी और कोरोना दोनों में शारीरिक दूरी बनाकर चलें। दोनों को मिटाना तभी संभव है जब शारीरिक दूरी का पालन करें। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2025 तक देश में टीवी को जड़ से खत्म कर दिया जाए। यदि लोग बीमारी के प्रति जागरूक होगें तो हमारा देश 2025 तक टीबी मुक्त घोषित हो जाएगा। संस्था के स्वयंसेवियों की ओर से रोग से संबंधित और इसके बचाव के लिए बरतने वाली सावधानियों के लिए लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। संस्था के स्वयंसेवी हितेश कौशल ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि कोरोना और टीवी के समान लक्षणों को लेकर यदि किसी को कोई परेशानी हो तो नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उचित परामर्श भी ले सकते हैं। ऐसे मरीजों की टीबी और कोरोना दोनों की जांच कराई जा सकती है। ऐसे मरीजों का सैंपल लेते वक्त मास्क, ग्लब्स और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाया गया है। राज कुमार ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी टीबी या कोरोना के संक्रमण का शिकार हो सकता है। ऐसे में बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान यार मोहम्मद, नसीब अली, दोस्त मोहम्मद, अतीकुर्रहमान व शहजाद अहमद सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।