यूपी बोर्ड- ने स्क्रूटनी की फीस पांच गुना बढ़ा दी है। पिछले साल तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रत्येक विषय की स्क्रूटनी (सन्निरीक्षा) के लिए 100 रुपये फीस देनी पड़ती थी लेकिन 2019 की परीक्षा में सम्मिलित छात्र-छात्राओं को अब प्रति विषय 500 रुपये फीस देनी होगी। स्क्रूटनी में यह देखा जाता है कि छात्र की कॉपी पर सभी प्रश्नों का मूल्यांकन हुआ है या नहीं। यदि मूल्यांकन हुआ है तो नंबर सही तरीके से जोड़े गए हैं या नहीं।
300 रुपये लेता है सीबीएसई
मजे की बात है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) प्रति विषय स्क्रूटनी के लिए 300 रुपये लेता है। प्रयोगात्मक की स्क्रूटनी के लिए भी पिछले साल तक यूपी बोर्ड के छात्रों को प्रति विषय अलग से 100 रुपये देना पड़ता था लेकिन अब 500 रुपये फीस देनी होगी। कोई छात्र एक या एक से अधिक विषय की स्क्रूटनी करवा सकता है। यूपी बोर्ड को स्क्रूटनी के लिए हर साल औसतन 10 हजार आवेदन मिलते हैं। अधिकांश आवेदन इंटर के छात्रों के मिलते हैं। हाईस्कूल में 30 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन 2011 में लागू होने के बाद से स्क्रूटनी के आवेदकों की संख्या कम हो गई है।
मान्यता फीस भी बढ़ी अब देने होंगे 30 हजार
प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने नये स्कूलों की 10वीं-12वीं मान्यता फीस भी 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी है। इंटर के अतिरिक्त वर्ग की मान्यता के लिए पांच की बजाय 20 हजार और इंटरमीडिएट परीक्षा की वन-टाइम मान्यता के लिए 10 की जगह अब 30 हजार रुपये देना होगा।