हिमाचल / निजी स्कूलों की लूट के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच, शिक्षा मंत्री के खिलाफ भी की जमकर नारेबाजी

शिमला. हर वर्ष नियमों को ताक पर रखकर फीस को मनमानी तरीके से बढ़ाना। किताबों व स्टेशनरी में धांधली, वर्दियों की खरीद पर दुकानदारों से मिलीभगत का कमीशन निज़ी स्कूलों की फितरत बन चुकी है। लेकिन प्रदेश का शिक्षा विभाग है कि कार्यवाही करने की बजाय कुम्भकर्णीय नींद सो रहा है। ऐसे स्कूलों पर खुद नकेल कसने के आदेश जारी कर कार्यवाही करना भूल जाता है। पर अब छात्र अभिभावक मंच इसके विरुद्ध खुद आ गया है।

इसी के अंतर्गत शिक्षा विभाग को गहरी नींद से जगाने के लिए छात्र अभिभावक मंच ने बुधवार को शिक्षा निदेशालय का घेराव किया, जमकर नारेबाजी भी की और राज्य शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। छात्र अभिभावक मंच के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिमला सहित पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की लूट जारी है। बोले कि शिक्षा विभाग ने 1472 स्कूलों को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया लेकिन सिर्फ 53 स्कूलों ने जबाब दिया। इससे पता चलता है कि शिक्षा विभाग स्कूलों के साथ मिला हुआ है। इसलिए उनके आदेशों को स्कूल गंभीरता से नही लेते। निज़ी स्कूल एक बच्चे से 24 से 50 हज़ार सालाना फीस वसूल रहे हैं। बिल्डिंग फंड व एडमिशन फीस की लूट अलग से जारी है। न्यायालय के आदेशों सहित सीबीएसई की गाइडलाइंस को भी दरकिनार करने वाले ये स्कूल करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं।