लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खनन घोटाले में सीबीआई के साथ ही मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम के सामने आज विधान परिषद सदस्य रमेश चंद्र मिश्रा भी नहीं पेश हुए। उन्होंने भी आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला की तरह ही वकील के माध्यम से नोटिस का जवाब भेज दिया।
हमीरपुर में हुए खनन घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य रमेश मिश्रा भी बी. चंद्रकला की तरह ही ईडी के सामने नहीं आए। एमएलसी रमेश मिश्रा ने वकील अमर सिंह के माध्यम से ईडी के नोटिस का जवाब भेजा। ईडी ने आज एमएलसी रमेश मिश्र को पूछताछ के लिए बुलाया था। खनन लीज होल्डर होने के कारण ईडी उनसे विस्तृत पूछताछ करने की तैयारी में थी। संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह भी ऑफिस में नहीं हैं।
घोटाले की अवधि में हमीरपुर की डीएम रहीं चंद्रकला को ईडी ने 23 जनवरी को पूछताछ के लिए अपने लखनऊ जोनल कार्यालय में बुलाया था। वह खुद ईडी के सामने नहीं पहुंचीं और नोटिस का जवाब अपने वकील के माध्यम से भेजवाया। अब दूसरे नंबर पर ईडी ने सपा एमएलसी रमेश मिश्र को पूछताछ के लिए बुलाया था।
ईडी ने चंद्रकला व रमेश मिश्र समेत 11 लोगों के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर रखा है। इन सभी 11 लोगों के विरुद्ध सबसे पहले सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120बी, 379, 384, 420 व 511 तथा एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2) व 13 (1) (डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई की जांच भी साथ-साथ चल रही है।
ईडी ने बी. चंद्रकला के जवाबों का अध्ययन करने के बाद अपने सवालों की सूची में बदलाव किया है। अब मामले के अन्य आरोपियों से सवाल पूछकर उनके कथन की सत्यता परखी जाएगी। ईडी ने चंद्रकला के घर पर सीबीआई के छापे में बरामद दस्तावेजों के आधार पर भी अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है। खुद चंद्रकला की ओर से समय-समय पर दिए संपत्तियों के ब्योरे से भी जानकारी जुटाई गई है।