सिपाही भर्ती-2018 में दस्तावेजों के सत्यापन और शारीरिक परीक्षण के लिए कटऑफ अंक कम करते हुए एक और लिस्ट जारी होगी। भर्ती के लिए निर्धारित पदों के लिए डेढ़ गुना अभ्यर्थियों में आधे से अधिक के दौड़ में पिछड़ जाने के बाद यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने यह फैसला लिया है।
भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जीपी शर्मा ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन और शारीरिक परीक्षा के लिए खाली पदों के सापेक्ष डेढ़ गुना अभ्यर्थियों को बुलाया गया था।
शारीरिक परीक्षा में एक तिहाई से अधिक (25 हजार से अधिक) अभ्यर्थियों के असफल होने के बाद अतिरिक्त उम्मीदवारों को बुलाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे में जल्द ही भर्ती बोर्ड नई कटऑफ लिस्ट जारी कर बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर देगा।
घर से 500 किलोमीटर दूर बना दिया सेंटर
सिपाही भर्ती 2018 के तहत दस्तावेजों के सत्यापन और शारीरिक परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को 500 किलोमीटर दूर सेंटर आवंटित कर दिया। इससे एक तरफ जहां कई अभ्यर्थी मौके पर पहुंच ही नहीं पाए वहीं दूसरी ओर जो पहुंचे, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार दस्तावेजों के सत्यापन के लिए भर्ती बोर्ड ने सभी परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर व्यवस्था की थी। इसका मकसद यही था कि अभ्यर्थी को इसके लिए अधिक दूर न जाना पड़े। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
गाजियाबाद जिले के अभ्यर्थियों को लखनऊ सेंटर आवंटित कर दिया गया। इसी तरह मुरादाबाद के अभ्यर्थी को इलाहाबाद दस्तावेजों का सत्यापन और शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुला लिया गया। वहीं दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान जो पेपर अधूरे रह गए उसे लाने या बनवाने के लिए केवल दो दिन का समय दिया गया।
12 घंटे का सफर तय करके पहुंचे अभ्यर्थी का निवास प्रमाण पत्र किया रिजेक्ट
गाजियाबाद से दस्तावेजों का सत्यापन कराने आए अनुसूचित जाति के अनुभव 12 घंटे का सफर पूरा कर लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे तो दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे अधिकारियों ने तीन साल पुराना निवास प्रमाण पत्र रिजेक्ट कर दिया और नया प्रमाणपत्र लाने को कहा।
अनुभव ने बताया कि अगले दिन उन्हें शारीरिक परीक्षा में भाग लेना है। निवास प्रमाण पत्र 13 दिसंबर तक जमा करने को कहा है। अनुभव ने कहा कि न तो विज्ञप्ति में और न ही बोर्ड की ओर से निवास प्रमाण पत्र के बारे में कोई सूचना दी गई। जिसकी वजह से हजारों अभ्यर्थी अकारण ही अगले चरण से बाहर कर दिए जाएंगे।
कई जिलों से आई शिकायतें
इस तरह की शिकायतें भर्ती बोर्ड के पास कई जिलों से आई हैं। अभिलेखों का सत्यापन कराने वाले अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि कई सेंटर पर सभी दस्तावेज पूरे होने के बाद भी आवेदन निरस्त कर दिए गए। हालांकि भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जीपी शर्मा का कहना है कि बिना कारण किसी का आवेदन निरस्त नहीं किया गया है। सारी नियम और शर्तें पूर्व में ही बता दी गई थीं। फिर भी अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।