नागपुर, एएनआइ। महाराष्ट्र के नागपुर में विश्व हिन्दू परिषद की हुंकार रैली में लोगों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि है। जन्मभूमि हमेशा एक ही होती है। जो राम को भगवान मानते हैं, उनकी पूजा करते हैं लेकिन जो नहीं मानते हैं वो भी उनकी मर्यादा का आदर करते हैं। हिंदू समाज बड़ा दयालु समाज है, सबके प्रति प्रेम रखने वाला समाज है।
उन्होंने कहा कि प्रतीकात्मक कारसेवा से मंदिर-मस्जिद विवाद की समस्या हल होने वाली नहीं है। खुदाई के बाद जो तथ्य सामने आए उससे भी यह साफ हुआ कि यहां रामलला का मंदिर है। उसे तोड़कर ही मस्जिद बनाई गई। इंसाफ मिलने में होने वाली देरी अन्याय के बराबर है। कोर्ट द्वारा जनहित के मामले को टालते रहने का क्या मतलब है? कोर्ट को जल्दी से इसका निर्णय करना चाहिए। रामजन्मभूमि पर तलवार के बल पर मस्जिद बनाई गई। रामजन्मभूमि का अधिकार किसी और को क्यों देना?
भागवत ने कहा कि कानून के लिए सरकार पर दबाव बनाना जरूरी है। अगर जनता सरकार पर दबाव बनाए तो मंदिर बन जाएगा। अगर मंदिर मसला कोर्ट की प्राथमिकता नहीं है तो सरकार सोचे इसका क्या करना है, कैसे कानून लाना है और मंदिर बनाना है। एक साल पहले मैंने ही कहा था कि धैर्य रखना है। लेकिन अब धैर्य नहीं रखना है, अब हमको जनजागरण करना है। उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय को अगर आप टालते चले गए और टालते ही रहना है तो मेरी एक प्रार्थना है कि न्याय में देरी न्याय नहीं मिलने के बराबर है, यह संस्थानों में सिखाना नहीं चाहिए, इसे निकाल देना चाहिए।
भागवत ने कहा, राम ने उत्तर दक्षिण को एक धागे में पिरोया
भागवत ने कहा कि कभी-कभी यह सवाल आता है कि मंदिर की मांग क्यों कर रहे हैं? तो यह मांग न करें तो कौन सी मांग करें। हमारा भारत स्वतंत्र देश है इसलिए यह मांग करते हैं। डॉ. लोहिया ने अपनी किताब ‘राम कृष्ण और शिव’ में कहा है कि भारतीय समाज जीवन का वस्त्र जो प्राचीन समय में बुना गया, उसके उत्तर-दक्षिण धागे को श्री राम ने पिरोया, पूर्व-पश्चिम धागे को श्री कृष्ण ने पिरोया और भगवान शिव तो इस पूरे समाज के मन में छा गए हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि जब तक हम स्वतंत्र नहीं थे, हम चुप थे पर अब अपने मालिक बन गए हैं तो हमने अपनी चीजों को बिठाया। पहला काम सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया।
बाबर को मुसलमानों से जोड़ना गलत
भागवत ने कहा कि राम मंदिर बनना किसी के विरोध की बात नहीं है, अपने ‘स्व’ की बात है। अयोध्या का मंदिर बाबर के सेनापति ने ढहाया। उन्होंने कहा कि बाबर कौन था? कुछ लोग बाबर को मुसलमानों से जोड़ते हैं, यह गलत बात है। बाबर ने भारत पर चढ़ाई की और सैतपुर नामक जगह पर उसने कत्लेआम किया। तब सैतपुर में आदिगुरु नानकदेव जी मौजूद थे।
गुरुवाणी में गुरुनानक देव ने लिखा है कि पाप की बारात लेकर बाबर आया और उसने ऐसा कत्लेआम मचाया कि न हिंदू की न मुसलमान की शर्म रही धर्म रही। उन्होंने कहा कि जो उनको भगवान मानते हैं, पूजा करते हैं और जो उन्हें भगवान नहीं मानते हैं वे भी अपने देश की मर्यादा का प्रतीक मानते हैं इसीलिए मोहम्मद इकबाल ने भी राम को इमाम-ए-हिंद कहा।