अयोध्या पहुंचे शिवसेना अध्यक्ष उद्घव ठाकरे, शिवसैनिकों ने किया स्वागत

शिवसेना अध्यक्ष उद्घव ठाकरे आशीर्वाद सभा में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। फैजाबाद हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया गया। जिसके लिए बड़ी संख्या में शिवसैनिक मौजूद थे। उद्घव यहां से सीधे आशीर्वाद सभा के लिए रवाना हो जाएंगे।

इसके पहले दो स्पेशल ट्रेनों से शिवसैनिक अयोध्या पहुंचे। जहां, शनिवार सुबह उन्होंने हनुमानगढ़ी व रामलला के दर्शन किये। शिवसैनिक पहले मंदिर फिर सरकार, शिवसेना की यही पुकार का नारा लगा रहे थे।

अयोध्या में बढ़ रही रामभक्तों की भीड़ के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा तैनात है। प्रशासन सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरत रहा है। शिवसैनिकों की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए प्रशासने रामजन्मभूमि मार्ग पर प्रवेश रोकने के साथ ही हनुमान गढ़ी का रास्ता भी बंद कर दिया है। उद्धव ठाकरे हवाई पट्टी से लक्ष्मण किला में आयोजित आशीर्वाद समारोह में हिस्सा लेंगे। समारोह को संबोधित करने के बाद शाम को 6:00 बजे मां सरयू की आरती करेंगे।

31 अक्टूबर और 2 नवंबर 1990 के बाद बाबरी ढांचा ढहाने की तिथि 6 दिसंबर 1992 के बाद अयोध्या फिर परीक्षा देने को तैयार है।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अयोध्या में धारा 144 लगाई गई है, लेकिन फिर भी इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। इसका मतलब है कि प्रशासन फेल हो गया है। राजभर ने कहा कि मैं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सहमत हूं कि अयोध्या में प्रशासन फेल हो चुका है इसलिए जरूरी है कि वहां सेना बुलाई जाए।

विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा भक्तमाल की बगिया में आयोजित की गई है। सभा दोपहर में होगी लेकिन राम नगरी का ताप राम भक्तों के आने के साथ चढ़ना शुरू हो गया है। सुबह उद्घव ठाकरे रामलला का दर्शन करके शिव सैनिकों की ताकत दिखाएंगे। दिन की शुरुआत मां सरयू के तट पर स्नान ध्यान से हुई।

‘शिवसेना ने राममंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने व तारीख घोषित करने की मांग की’

इसके पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या कूच करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने और तारीख घोषित करने की मांग की है। उद्धव ने कहा है कि अब मन की बात बहुत हो चुकी जन की बात सुनी जानी चाहिए।

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र में लिखे संपादकीय में मोदी सरकार से दो टूक सवाल किया है। शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र की संपादकीय में लिखा है कि सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए, जिन्होंने रामजन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया।

शिवसेना ने कहा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है। साथ ही, संपादकीय में लिखा है, हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।

भाजपा पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने मुखपत्र में लिखा है कि अगर मंदिर निर्माण का मुद्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।

अयोध्या में हाई अलर्ट चप्पे-चप्पे पर निगरानी

शिवसेना के कार्यक्रम व धर्मसभा के आयोजन को लेकर अयोध्या में हाईअलर्ट है। नगर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा तैनात है। एडीजी आशुतोष पांडे के नेतृत्व में अयोध्या के डीआईजी ओंकार सिंह समेत डीआईजी सुभाष सिंह बघेल ने कमान संभाल रखी है।

अयोध्या में तीन एसएसपी, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 उपपुलिस अधीक्षक, 160 इंस्पेक्टर,  700 कांस्टेबल,  42 कंपनी पीएसी, 5 कंपनी आरएफ समेत एटीएस कमांडोज की पूरी बटालियन  ड्रोन कैमरे से लैस होकर निगरानी कर रही है।

सुरक्षा के लिए नगर को 11 जोन में बांटा गया है। हर जगह 500 से ज्यादा कांस्टेबल सादे कपड़ों में भ्रमणशील हैं। सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।

सलमान नदवी बोले, अयोध्या में मस्जिद का दावा छोड़ें मुसलमान

इस्लामिक विद्वान मौलाना सलमान नदवी ने मुसलमानों से अपील की है कि देशहित में अयोध्या में मस्जिद का दावा छोड़ दें। मुसलमानों को मस्जिद स्थानांतरित करने की बात करते हुए इस शिकस्त में ही अपनी जीत देखनी चाहिए।
मौलाना ने शुक्रवार को जारी बयान में मुसलमानों से अपील की कि वे देश में अमन कायम करते हुए आपसी बातचीत से अयोध्या मुद्दे का हल निकालें।

उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला शरीयत के लिए अहम नहीं है, बल्कि एक औपचारिकता है। मौलाना ने दावा किया कि शरीयत के मुताबिक मस्जिद स्थानांतरित की जा सकती है।

तकरीबन छह महीने पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित किए गए मौलाना नदवी ने पर्सनल लॉ बोर्ड के कामकाज पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड न तीन तलाक मसले में कामयाब हुआ और न ही बाबरी मस्जिद मामले में।