राम मंदिर निर्माण के लिए संघ ने कमान संभाल ली है। नौ दिसंबर को दिल्ली में होने वाली विहिप की रैली की तैयारियों के लिए आज (गुरुवार को) मेरठ के माधवकुंज में संघ की अहम बैठक आयोजित की गई है। इसमें विहिप और संघ के अहम पदाधिकारियों के साथ ही संघ से जुड़े 15 संगठनों के करीब एक हजार पदाधिकारी पूरी कार्ययोजना तैयार करेंगे। भाजपा के क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के मंत्री भी इस बैठक में शामिल होंगे। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक आलोक इस बैठक को संबोधित करेंगे।
राम मंदिर निर्माण को लेकर अब माहौल गरमाने लगा है। संघ भी इस मामले को लेकर मैदान में है। संघ अब नौ दिसंबर को दिल्ली में होने वाली रैली की तैयारियों में जुट गया है। इसके लिए माधवकुंज में गोपनीय बैठक आयोजित की गई है। बैठक में संघ के 40 संगठनों में से 15 जनसंगठन और विहिप व भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में 11 जिलों के पदाधिकारियों को बुलाया गया है, हर संगठन के पांच पदाधिकारी बैठक में शामिल रहेंगे। इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री और क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी तथा आरएसएस के क्षेत्र संचालक सूर्यप्रकाश टोंक, प्रांत संचालक मनवीर सिंह, प्रांत कार्यवाह फूल सिंह, प्रांत प्रचारक धनीराम, विहिप के प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन समेत तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
दिल्ली की रैली में बड़ी संख्या में लोगों को ले जाए जाने के लिए बैठक में रणनीति बनाई जाएगी। वहीं मंदिर को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए चलने वाले अभियान पर भी चर्चा होगी। मंदिर आंदोलन में इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
27 साल पुराने इतिहास को दोहराने की तैयारी में पदाधिकारी
बैठक में शामिल होने वाले वरिष्ठ पदाधिकारियों की मानें तो इस बैठक में 27 साल पुराने इतिहास को दोहराने की रणनीति बनाई जाएगी। उनके अनुसार विहिप की एक रैली 4 अप्रैल 1991 को बोट क्लब दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें करीब 25 लाख लोग पहुंचे थे और यह सबसे बड़ी रैली थी। इसके बाद ही इस बोट क्लब पर रैली होने पर रोक लगा दी गई थी। उनका प्रयास है कि नौ दिसंबर को दिल्ली में होने वाली रैली में इस पुराने इतिहास को फिर से दोहराया जा सके और पहले से ज्यादा संख्या में लोग जुटें।