लखनऊ । एपल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद प्रदेश पुलिस के सिपाहियों की टिप्पणी को अफसरों ने बेहद गंभीरता से लिया है। इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुशासनहीनता करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है।
लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपित बर्खास्त सिपाही प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार के पक्ष में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले एटा में तैनात 2011 बैच के सिपाही सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। सर्वेश इन दिनों 25वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली में सम्बद्ध था। उसके खिलाफ विभागीय जांच का भी आदेश दिया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कांस्टेबल सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है।
एटा के इस सिपाही ने सोशल मीडिया पर पोस्ट अपने वीडियो में मीडिया, पुलिस अफसर और मंत्रियों को गालियां दी थीं। उसको खेल के कोटे से पुलिस में नौकरी मिली थी। सोशल मीडिया में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी का बचाव करने के आरोप में सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। डीआईजी, लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज किया गया है। विवेक तिवारी को गोली मारने वाले सिपाही प्रशांत चौधरी का समर्थन करने वालों के नाम इस एफआईआर में शामिल कर लिया जायेगा।
सर्वेश ने लिखा था- मैंने दिए हैं सिपाही को पैसे, मुझे बर्खास्त करो
विवेक हत्याकांड के बाद से ही सिपाहियों का एक वर्ग आरोपी सिपाही के पक्ष में खड़ा है। पहले तो आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी राखी के खाते में पैसा जमा करने का अभियान छेड़ा गया और अब पांच अक्टूबर को काला दिवस मनाने और छह अक्टूबर को इलाहाबाद में एसोसिएशन की बैठक बुलाने का मैसेज वायरल हो रहा है। 25वीं बटालियन पीएसी से संबद्ध मथुरा के रहने वाले सर्वेश ने इसी बात को लेकर एक पोस्ट किया था। इसमें लिखा था कि मुझे बर्खास्त करो मैंने दिए हैं सिपाही को पैसे।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का कहना है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता दिखाएगा तो वह सेवा में नहीं रहेगा। पुलिस एक अनुशासित बल है और अनुशासन के दायरे में ही सबको काम करना है।
चक्रेश मिश्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं
लखनऊ में एसपी नॉर्थ के पद पर तैनात चक्रेश मिश्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन पर आरोप है कि आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी के बैंक खाते में उन्होंने पांच हजार रुपया जमा करवाया था। पुलिस की जांच में बात सच निकली लेकिन 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी चक्रेश मिश्र के खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है।