गहलोत सरकार ने राजस्थान में अगस्त 2020 में ड्राइविंग लाइसेंस के आॅनलाइन आवेदन पत्र में अंगदान की घोषणा को अनिवार्य किया था। गहलोत सरकार के इस नवाचार से डाॅक्टरों और पुलिसकर्मियों को अंगदान के लिए मृतक के परिवार ने नहीं पूछना पड़ता है।
एक व्यक्ति के अंगदान से कई व्यक्तियों का जीवन बचाया जा सकता है। लाइसेंस पर लोगो लगा देखकर डाॅक्टर और पुलिसकर्मी द्वारा मृतक के परिवार जनों से मृतक के अंगदान के लिए सहमति लेने में आसानी हो जाती है। अब विभाग इस पहल को अभियान के रूप में चलाकर आमजन को लाइसेंस पर सहमति प्रोत्साहित करेगा। परिवहन मंत्री ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने के समय जो आवेदक अंगदान की सहमति नहीं पाते हैं। वे बाद में भी सहमति दे सकते हैं। इनमें पुराने लाइसेंस को रिन्यू कराते समय, लाइसेंस में नाम, पता और अन्य जानकारी अपडेट कराते समय अंगदान सहमति का विकल्प चुना जा सकता है। यदि लर्निंग लाइसेंस में अंगदान की सहमति नहीं दे पाए तो स्थाई लाइसेंस बनाते समय और लाइसेंस में संशोधन, रिनुअल के समय भी अंगदान की सहमति दी जा सकती है।
गहलोत सरकार ने सड़क सुरक्षा को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दुर्घटनाओं में कमी लाने के कई नवाचार किए है। वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए अंगदान को बढ़ावा देने के लिए भी परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की पहल देश में बड़ा रूप ले चुकी है।