पटना । केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत योजना) की शुरुआत रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रांची (झारखंड) में की। बिहार में भी इसका आरंभ पटना के ज्ञान भवन सभागार में राज्यपाल लालजी टंडन एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इसके तहत लाभुक परिवारों को पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिया जाएगा। इसके लिए बिहार के 38 जिलों में लाभुकों के बीच गोल्डन रिकार्ड कार्ड वितरित किए गए।
राज्यपाल ने कहा: अमानत में खयानत न हो, रखना होगा ध्यान
कार्यक्रम में राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कर्मयोगी कह संबोधित किया तो उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बिहार में प्रधानमंत्री का रूप बताया। राज्यपाल ने कहा कि लोग नीतीश कुमार को लोकप्रिय मुख्यमंत्री मानते हैं, लेकिन वे कर्मयोगी मुख्यमंत्री के रूप में मानते हैं। आयुष्मान भारत योजना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अमानत में खयानत न हो, इसका ख्याल रखना होगा।
मुख्यमंत्री बोले: दृढ़ता और पारदर्षिता से होगा काम
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का लाभ बिहार के करोड़ों गरीबों को मिलेगा। पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पाने वाले गरीबाें के लिए यह योजना वरदान के समान है। बिहार में योजना पर पूरी दृढ़ता और पारदर्षिता के साथ काम किया जाएगा। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो, यह देखना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनकी आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा कोष के तहत 10 लाख तक मदद की जा रही है। दिल्ली और मुम्बई में भी आसानी से इलाज के लिए सरकार ने इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पांच हजार बेड वाला बड़ा अस्पताल बनेगा। जल्दी ही लोगों को इसका बदला स्वरूप दिखेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, अस्पताल पहुंचते शुरू होगा इलाज
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मरीज जैसे ही अस्पताल पहुंचेगा, डॉक्टर तत्काल इलाज करेंगे। अगर डॉक्टर जांच के बाद इलाज का फैसला लेते हैं तो मरीज जांच के लिए ऑनलाइन आग्रह करेगा और आग्रह के आधे घंटे के भीतर उसे क्लीयरेंस मिलेगा। इमरजेंसी में इलाज पहले होगा, प्रक्रियाएं बाद में पूरी की जाएंगी। योजना में अगर कोई परेशानी होगी तो केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें मिलकर दूर करेंगी।
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में राज्यपाल व मुख्यमंत्री के साथ सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री गण रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे व रामकृपाल यादव आदि मौजूद रहे।
यह है योजना
योजना के तहत राज्य के करीब एक करोड़ 08 लाख 24 हजार परिवारों के लगभग 5.85 करोड़ लोग कवर किए जाएंगे। प्रत्येक परिवार सालाना पांच लाख रुपये तक इलाज करा सकेंगे। लाभुक सूचीबद्ध सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में गोल्डेन कार्ड के जरिए इलाज कर सकते हैं। बिहार में अभी तक 393 सरकारी एवं प्राइवेट अस्पताल सूचीबद्ध कर लिए गए हैं।
योजना में ओपीडी का खर्च शामिल नहीं किया जाएगा। इसका लाभ भर्ती होने पर ही मिलेगा। हां, भर्ती होने से तीन दिन पहले से लेकर 15 दिन बाद तक के खर्च इसमें शामिल रहेंगे। इसके तहत दवाएं और जांच शामिल हैं।