लखनऊ । वैसे तो शिवपाल सिंह यादव राजनीति में अपना आदर्श मुलायम सिंह यादव को ही मानते हैं लेकिन मंगलवार को उन्होंने बड़े भाई के समझौते का प्रस्ताव ठुकरा दिया। मुलायम के बुलाने पर शिवपाल उनसे मिलने गए लेकिन पार्टी में रहने की बात नामंजूर कर दी। इससे पहले शिवपाल इटावा में भी कह चुके हैं कि अब कदम आगे बढ़ा दिया है तो पीछे हटने का सवाल ही नहीं।
सेक्युलर मोर्चा अब बन चुका
पारिवारिक कलह के बाद शिवपाल ने हमेशा मुलायम के आदेश को सिर आंखों पर लिया। यहां तक कि गत वर्ष सितंबर माह में जब उन्होंने सेक्युलर मोर्चा का गठन करने की योजना बनाई थी, तब भी मुलायम के कहने पर ही इस एलान को टाल दिया गया था। लेकिन, इस बार समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को लेकर वह कोई समझौता करने के मूड में नहीं हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह को इस बात का अहसास है कि मोर्चा अखिलेश की पार्टी को डैमेज करेगा, इसीलिए उन्होंने एक कोशिश के तौर पर शिवपाल को अपने आवास पर बुलाया था। दोनों में काफी देर तक बात हुई। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बीच मुलायम ने उन्हें समझौता का प्रस्ताव भी दिया लेकिन शिवपाल नहीं माने।
गाड़ी से उतर चुका सपा का झंडा
गौरतलब है कि इससे पहले शिवपाल अपने ट्विटर हैंडल से वरिष्ठ नेता समाजवादी पार्टी का परिचय हटा चुके हैैं। उन्होंने गाड़ी से सपा का झंडा भी उतार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर से भी अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को अनफालो कर यह संदेश दिया है कि अब वह मोर्चा को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह गंभीर है।