दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके में हतप्रभ करने वाली घटना सामने आई है। शुक्रवार सुबह एक छत पर बंदर नवजात को फेंक गया। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर मकान मालिक छत पर पहुंचा। जोर-जोर से रो रहे बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल में भर्तीकराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
संगम विहार थाना पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर एम्स में सुरक्षित रखवा दिया है। मामले की जांच में जुटी पुलिस यह जानकारी जुटा रही है कि आखिरकार बच्चा किसका है? और इसे कहां से बंदर से लेकर आया है? इसके लिए पुलिस ने दिल्ली के सभी थानों को मैसेज देकर यह बच्चे के बारे में जानकारी दे दी है।
पुलिस का कहना है कि बच्चे की पहचान की कोशिश की जा रही है। नवजात संगम विहार इलाके में गली नम्बर 16 स्थित विद्यापति के घर की छत पर शुक्रवार सुबह रोते हुए मिला था। यहां घर में अपने परिवार के साथ रहने वाले विद्यापति ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो छत पर जाकर देखा। बच्चा छत पर लावारिस हालत में पड़ा था।
बच्चे की हालत देख उन्होंने बिना देरी किए छत से उठाकर नीचे लाए। तत्काल पास के मजीदिया अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्चे का उपचार शुरू किया। लेकिन, बच्चे ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद अस्पताल ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो पूछताछ में विद्यापति ने बताया कि बंदर उसके छत पर बच्चे को फेंक गया। दो दिनों से चल रही जांच के बाद भी पुलिस नवजात के परिजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं जुटा सकी है।
पुलिस के अनुसार नवजात की प्रथमिक जांच के बाद पता चला है कि बच्चे के शरीर पर किसी तरह के चोट का निशाना नहीं है, लेकिन बंदर द्वारा उठाकर छत पर लाए जाने से उसकी सेहत बिगड़ गई, जिससे अस्तपाल में उसे इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
संगम विहार इलाके में बंदरों के आतंक से लोग खौफजदा हैं। इलाके में बंदरों ने कई लोगों को चोट पहुंचाई है। एक महीने के भीतर इलाके में एक दर्जन से ज्यादा लोग बंदरों के शिकार हो चुके हैं।
बंदर कपड़े और सामान लेकर आए दिन भाग जाते हैं। लोगों ने संबंधित एजेंसियों से बंदरों के उत्पात से निपटने की गुहार लगाई है। हालांकि निगम बंदरों को पकड़ने के लिएअभियान चलाता रहा है, लेकिन यह नाकाफी है। इस पर ठोस योजना बनानी होगी।