चेन्नई। द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि नहीं रहे। कावेरी अस्पताल में पिछले दस दिन से डाक्टरों के लिए उनके महत्वपूर्ण अंगों की कार्यक्षमता को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा था। उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने को लेकर अस्पताल द्वारा जारी बयान के बाद बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक अस्पताल के बाहर एकत्र हो गए थे। बहुतों को रोते हुए भी देखा गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
कावेरी अस्पताल प्रशासन ने बताया कि तमाम कोशिशों के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा पाए। करुणानिधि ने मंगलवार की शाम 6 बजकर 10 मिनट पर अपनी अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करुणानिधि के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा- वे देश के वरिष्ठतम नेता थे।
करुणानिधि 6 दशक तक राजनीति में रहे सक्रिय
द्रविड़ आंदोलन की उपज एम करुणानिधि अपने करीब 6 दशकों के राजनीतिक करियर में ज्यादातर समय राज्य की सियासत का एक ध्रुव बने रहे। वह 50 साल तक अपनी पार्टी डीएमके के अध्यक्ष रहे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी एम करुणानिधि तमिल भाषा पर अच्छी पकड़ रखते थे। उन्होंने कई किताबें, उपन्यास, नाटकों और तमिल फिल्मों के लिए संवाद लिखे। तमिल सिनेमा से राजनीति में कदम रखने वाले करुणानिधि करीब छह दशकों के अपने राजनीतिक जीवन में एक भी चुनाव नहीं हारे। करुणानिधि के समर्थक उन्हें प्यार से ‘कलाईनार’ यानी ‘कला का विद्वान’ कहते हैं।
करुणानिधि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और बुढ़ापे में होने वाली कई बीमारियों से पीड़ित थे। करुणानिधि के ब्लड प्रेशर में गिरावट आने के कारण 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआती इलाज के बाद उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में कर लिया गया था। शनिवार रात को हॉस्पिटल ने एक बयान जारी कर कहा था कि करुणानिधि के स्वास्थ्य को ‘अस्थाई झटका’ लगा है।
इस बीच सोमवार को करुणानिधि की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई। मंगलवार शाम को जारी अपने बयान में कावेरी अस्पताल ने कहा था कि पिछले कुछ घंटों में एम करुणानिधि की हालत में काफी गिरावट आई है। पूरे मेडिकल सपॉर्ट के बाद भी उनके अंगों के काम करने की गति कम होती जा रही है। उनकी स्थिति बहुत ही नाजुक और अस्थिर बनी हुई है।’ देर शाम को हॉस्पिटल ने करुणानिधि के निधन की घोषणा कर दी। हॉस्पिटल ने बताया कि करुणानिधि का शाम 6:10 पर निधन हो गया।