नई दिल्ली । लगता है राफेल विमान सौदे के मामले को कांग्रेस ठंडा नहीं होने देना चाहती। लोकसभा में आज एक बार ये मुद्दा उठा। राफेल डील को घोटाला बताते हुए कई विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस के सुर में सुर मिलाए और इस सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग की। सदन में इसकी जांच जेपीसी से कराने की मांग कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने उठाई। उन्होंने कहा कि सदन को राफेल विमान सौदे की कीमत की जानकारी होनी चाहिए और इसके साथ ही उन्होंने इस सौदे को एक बड़ा घोटाला बताया। वेणुगोपाल ने कहा- ‘हम इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच चाहते हैं’। </di
उनकी इस मांग पर आपत्ति जताते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने डिप्टी स्पीकर एम. थंबी दुरई से कहा कि वेणुगोपाल को ऐसे आरोप लगाने से पहले सदन के समक्ष सबूत रखने चाहिएं। बाद में कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता सुगता रॉय ने कहा कि राफेल डील ‘स्वंतंत्र भारत के सर्वाधिक बड़े घोटालों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस सौदे की वजह से देश को 2500 करोड़ का नुकसान होने जा रहा है। इसके साथ ही रॉय ने इस लड़ाकू विमान सौदे की ‘पूर्ण रूप से जांच’ की मांग की।
राहुल ने छोड़ा ट्वीट का तीर!
राफेल डील पर जहां संसद में तो विपक्ष के जरिए सरकार पर निशाना साधा ही गया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे के जरिए सरकार पर निशाना के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया- सुप्रीम लीडर के कृपापात्र लोग अब राफेल मुद्दे पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को धमका रहे हैं, कह रहे हैं कि ‘पीछे हटो नहीं तो…”। मुझे गर्व हैं उन कुछ चुनिंदा पत्रकारों पर जिनमें अभी भी सत्य की रक्षा करने और 56 इंच के सामने खड़े होने की हिम्मत है। इसके बाद राहुल ने एक और ट्वीट किया और उसमें भी राफेल डील और पत्रकारों को लेकर लिखा।