सियासत के नाम पर बांटने वालों को सबक, मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना…

नई दिल्‍ली, जेएनएन। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना …यह लाइन ऐसे लोगों के लिए सबक है जो वोट की खातिर आमजन को आपस में लड़ाते हैं और उन्हें मजहब के नाम पर आपस में बांटते हैं। मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर लगे कांवड़ शिविर में शिवभक्तों की सेवा में लीन नजर आए मुस्लिम वर्ग के लोग क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल शिवमय 

वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश का माहौल शिवमय हो रहा है। चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग पर शिव भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शिव भक्त दिन और रात में अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। उधर, पिछले तीन दिनों में हरिद्वार से डेढ़ करोड़ से अधिक शिव भक्त गंगाजल उठाकर अपनी यात्रा शुरू कर चुके हैं। उत्तराखंड के मंगलौर से मुरादनगर तक करीब 107 किलोमीटर लंबे कांवड़ पटरी मार्ग पर केसरिया सैलाब उमड़ रहा है। 28 जुलाई से विधिवत शुरू हुई कांवड़ यात्रा के पहले तीन दिनों में काफी कम संख्या में शिव भक्त कांवड़ मार्ग पर नजर आए। लेकिन एक अगस्त से कांवड़ पटरी मार्ग पर राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों के कांवड़िये बड़ी संख्या में गंगाजल लेकर लौटना शुरू हो गए हैं।

हरकी पैड़ी और नीलकंठ से गंगाजल उठाकर यात्रा शुरू 

पिछले तीन दिनों में करीब डेढ़ करोड़ शिव भक्तों ने हरकी पैड़ी और नीलकंठ से गंगाजल उठाकर अपनी यात्रा शुरू की है। शुक्रवार शाम तक इन शिव भक्तों के जिले की सीमा में पहुंचने की उम्मीद है। उधर, पटरी मार्ग पर सुबह से लेकर रात तक कावड़ियों का गुजरता कारवां माहौल को पूरी तरह शिवमय बना रहा है। आकर्षक रंग रूप में सजाई कांवड़ को कंधे पर रखे कांवड़ियों की लंबी कतार मन को मोह रही है। शिव भक्तों ने भगवान शिव की विशाल प्रतिमाएं, मोर पंख, तिरंगा आदि से अपनी कावड़ को सजाया हुआ है।