फल और सब्जियों में कुछ जो कई किस्म में उपलब्ध होती हैं। इसमें हरे और काले अंगूर, प्याज और सग्गा प्याज या शैलट्स, हरी और लाल पत्तागोभी व हरे और लाल सेब को रखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि एक फल या सब्जी की दो किस्मों में मौजूद पौष्टिक तत्वों की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा इनमें मौजूद शुगर का स्तर भी भिन्न हो सकता है। यही वजह है कि एक किस्म पोषण और कैलोरी के मामले में दूसरी से अधिक उपयोगी होती है।
एक ब्रिटिश वेबसाइट के अध्ययन में आमतौर पर खाए जाने वाले फल और सब्जियों की दो रंग की किस्म में मौजूद पौष्टिक तत्वों का अध्ययन किया गया।
प्याज और सग्गा प्याज
पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि सग्गा प्याज में साधारण प्याज के मुकाबले तीन गुना अधिक एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी होता है। स्वाद में भी यह साधारण प्याज की तुलना में अच्छा होता है और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा मैग्नीशियम, पोटाशियम और जिंक भी साधरण के मुकाबले अधिक होता है। दोनों प्याज में पौधों में पाया जाने वाला रसायन फ्लेवेनॉयड प्रचुर मात्रा में होता है, जो हृदय रोगों का खतरा कम करता है। इसके अलावा दोनों में प्रीबायोटिक फाइबर भी पाया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाले अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है।
हरे और काले अंगूर
हरे अंगूर में कुछ ऐसे पौष्टिक तत्व होते हैं, जो हृदय रोगों का खतरा घटाते हैं। हालांकि काले अंगूर पौष्टिकता के मामले में ज्यादा तगड़े होते हैं। इनमें फाइटोकेमिकल अधिक मात्रा में होता है। इनके सेवन से मस्तिष्क पर उम्र का प्रभाव कम होता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। काले अंगूर में रिसवेराट्रोल, कैटेचिन्स और प्रोएंथोसाइनिडिन्स अधिक मात्रा में मौजूद होता है। यह पेट, फेफड़ों और स्तन कैंसर से बचाव में कारगर माना जाता है।
साधारण और लाल खजूर
आमतौर पर हम सोचते हैं, खजूर तो दोनों ही हैं कोई भी खा लो। मगर पोषण विशेषज्ञ फियोना कहती हैं कि लाल खजूर में कैलोरी की मात्रा साधारण खजूर के मुकाबले 60 फीसदी कम होती है। साथ ही इसमें शुगर की मात्रा भी आधी होती है, मगर साधारण खजूर के मुकाबले फाइबर 10 फीसदी अधिक होता है।
साधारण और छोटे केले
प्रति सौ ग्राम छोटे केलों में तकरीबन तीन ग्राम तक शुगर की मात्रा होती है। इनके मुकाबल प्रति सौ ग्राम साधारण केलों में 15 ग्राम शुगर होती है। केले में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह ब्लड प्रेशर पर नमक के प्रभाव को कम करता है। इसके अलावा इनमें फ्रूक्टो ओलिगोसैशेराइड्स (एफओएस) फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है, गुड बैक्टीरिया को बढ़त में मदद मिलती है। साधारण केले छोटे केलों के मुकाबले बेहतर होते हैं।
लाल और हरे सेब
लाल सेब के मुकाबले हरे सेब में शक्कर की मात्रा छह ग्राम तक कम होती है। एक औसत आकार के लाल सेब में 23 ग्राम तक शुगर होती है। फियोना का कहना है कि सेब में घुलने वाले फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शुगर को रक्त प्रवाह में मिलने से रोकते हैं। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। सेब के छिलके में उसके गूदे के मुकाबले पांच गुना अधिक एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसलिए सेब को छिलका समेत खाने की सलाह दी जाती है।