सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह की कोशिश: निशाने पर वाराणसी पुलिस, आईपीएस के बाद एसओ और दारोगा पर कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह की कोशिश के मामले में वाराणसी पुलिस निशाने पर आ चुकी है। यहां के कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और मामले के विवेचक गिरजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया है। वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को सोमवार की देर रात ही गाज़ियाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक के पद से हटा दिया गया था। पीड़िता ने बार बार अमित पाठक का नाम लेते हुए कई आरोप लगाए थे। वाराणसी में एसएसपी रहते हुए अमित पाठक पर सुनवाई न करने का आरोप लगाते हुए ही पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया था।

बसपा सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली युवती और उसके साथी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की थी। आग लगाने से पहले फेसबुक लाइव के जरिये वाराणसी पुलिस पर पीड़िता ने कई आरोप लगाए थे। सांसद के दबाव में पीड़िता को ही फंसाने का आरोप लगाया था।

लोकसभा चुनाव के दौरान एक मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। यूपी कॉलेज की छात्रा रह चुकी पीड़िता का आरोप है कि अतुल राय ने सात मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था। वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और अश्लील वीडियो भी बना लिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अतुल राय भूमिगत हो गए। लोकसभा चुनाव के दौरान वह गायब ही रहे। इसके बाद भी उनकी जीत हुई और सांसद बन गए। सांसद बनने के बाद सरेंडर कर दिया था।

अतुल राय ने भी पीड़िता के ऊपर ब्लैकमेल करने समेत कई आरोप लगाए थे। इसके बाद पीड़िता के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था।