सहारनपुर: चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक कर बनाए फर्जी वोटर आईडी कार्ड, जानें कैसे हुआ खुलासा

 भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक कर लिया गया। जिसके बाद फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड जारी किए गए। जांच एजेंसियों ने पड़ताल की तो पता चला की सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र निवासी एक युवक ने वेबसाइट को हैक किया है। जिसके बाद खलबली मच गई। देर रात को ही सहारनपुर पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लिया गया। साइबर थाने में अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

दिल्ली से जांच एजेंसियों ने सहारनपुर पुलिस को सूचना दी कि सहारनपुर के रहने वाले युवक ने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर ली है। जिसके बाद फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके बाद देर रात को पुलिस टीम नकुड़ क्षेत्र के मच्छरहेड़ी गांव में पहुंची। जहां से विपुल सैनी पुत्र रामकुमार सैनी को हिरासत में लिया गया।

अभियुक्त विपुल से हुई पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले विपुल की मुलाकात दिल्ली निवासी एक युवक से हुई थी। युवक मूल रूप से मध्यप्रदेश के हरसा का रहने वाला है। युवक ने ही विपुल को साइट हैक करने का तरीका बताया। जिसके बाद दोनों मिलकर वेबसाइट से छेड़छाड़ कर वोटर आईडी कार्ड बनाने शुरू कर दिए। साइबर थाने के इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार यादव की तहरीर पर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई और विपुल सैनी को गिरफ्तार किया गया।

50 लाख से अधिक रुपये फ्रीज कराए

पुलिस के मुताबिक, विपुल सैनी के खातों में 50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि है। पुलिस ने सभी धनराशि को फ्रीज करा दिया गया है। पुलिस के मुताबिक, विपुल ने गंगोह के एक कालेज से बीसीए किया था। जिसके बाद उसने गांव में ही एक ऑफिस बनाया हुआ है। जिसमें वह पैन कार्ड आदि बनाने का काम करता था। इसी ऑफिस से वोटर आईडी कार्ड भी तैयार किए जा रहे थे। एक वोटर आईडी बनवाने के लिए 10 रुपये कमीशन अरमान मलिक को भी दिया जाता था।

दो माह में 10 हजार से अधिक वोटर आईडी कार्ड बनाए

पुलिस के मुताबिक, वोटर आईडी बनाने का यह काम दो माह से चल रहा था। दो माह में 10 हजार से अधिक वोटर आईडी कार्ड तैयार किए गए। लेकिन, इसका कोई रिकार्ड नहीं है। डॉ. एस चनप्पा, एसएसपी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक होने की सूचना मिली थी। मुकदमा दर्ज कर एक अभियुक्त विपुल सैनी को गिरफ्तार किया गया है। बाकी साथियों को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है।