आगरा के लालऊ (मलपुरा) की संजलि को जिंदा जलाने की घटना का मंगलवार को पुलिस ने परत दर परत खुलासा किया। हत्याकांड की साजिश ताऊ के बेटे योगेश ने रची थी। पुलिस ने वारदात में शामिल ममेरे भाई विजय और उसकी बहन के देवर आकाश को जेल भेज दिया। पुलिस का दावा है कि घटना का अनावरण वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर हुआ है। इस खुलासे को कोई चुनौती नहीं दे सकता।
एसएसपी अमित पाठक ने घटना के दिन 18 दिसंबर की पूरी कहानी बताई। उनके अनुसार लालऊ निवासी योगेश ने विजय और आकाश को घटना के लिए राजी किया। सुबह योगेश ने आकाश को कॉल किया। कहा कि आज घटना को अंजाम देना है। मलपुरा नहर पर मिलेंगे। योगेश अपनी बाइक से पहले खेरागढ़ के गांव भिलावटी पहुंचा। वहां अपने एक दोस्त के घर बाइक रखी। दोस्त से उसकी सफेद अपाचे मांगी। दोस्त को उसने बिजली कंपनी में नौकरी का झांसा दिया था। इस कारण दोस्त उस पर मेहरबान था। बाइक लेकर चलते ही उसने आकाश को फिर कॉल किया। बताया कि थोड़ा समय लग रहा है। वहीं इंतजार करे। कुछ देर बाद वह मलपुरा नहर पर पहुंच गया।
इस दौरान योगेश ने अपनी बाइक पर पीछे एक डिब्बा बांध रखा था। उसमें एलईडी बल्व थे। मलपुरा नहर पर तीनों मिले। रोहता की तरफ गए। शहीद पेट्रोल पंप से दोनों बाइकों में पेट्रोल भरवाया। बाहर निकल आए। योगेश बैग में कपड़े, डिब्बा और लाइटर लेकर पहुंचा था। उसने विजय से डिब्बे में पेट्रोल लाने को कहा। उसने इनकार कर दिया। यह देख योगेश ने उसे 60 रुपये और दिए। कहा कि बाइक में दोबारा पेट्रोल डला लाए। विजय बाइक से उसी पंप पर पहुंचा। दोबारा पेट्रोल लिया। योगेश ने बाइक से पेट्रोल निकालकर डिब्बे में भर लिया। ढक्कन बंद करने से पहले प्लास्टिक लगाई। ताकि पेट्रोल नहीं छलके।
तीनों एयरफोर्स ड्रापिंग जोन के पास आ गए। छुट्टी होने में अभी डेढ़ घंटा था। इधर-उधर रुककर तीनों ने समय गुजारा। घटना पर चलने से पहले तीनों ने कपड़ों के ऊपर दूसरे कपड़े पहने। योगेश ने अपनी बाइक पर बंधा डिब्बा विजय की बाइक पर बांध दिया। अपने जूते उससे बदले। विजय को रेकी करने के लिए आगे तक भेजा, ताकि घटना के बाद भागते समय जाम नहीं मिले। छुट्टी के समय विजय नवांमील से आगे पहुंच गया। योगेश और आकाश एक बाइक पर थे। आकाश बाइक चला रहा था। पहले नवांमील से थोड़ा आगे तक गए फिर वापस लौटकर नवांमील पर आ गए। छुट्टी हो गई। संजलि जैसे ही लालऊ की तरफ बढ़ी उसके एक मिनट बाद दोनों पीछे आ गए।
रोकते ही डाला पेट्रोल, लगाई आग
गिरफ्तार आकाश ने पुलिस को बताया कि वह बाइक चला रहा था। योगेश ने हेलमेट के नीचे चेहरे पर रुमाल बांध रखा था। उससे कहा था कि कोई बात नहीं करनी है। घटना जब करनी होगी, वह उसे पैर मारेगा। वो बाइक रोक दे। उसने ऐसा ही किया। चिन्हित घटनास्थल पर आकाश को पैर मारा। उसने साइकिल के सामने बाइक लगा दी। संजलि दहशत में आ गई। योगेश ने बिना कुछ बोले पेट्रोल डाला और लाइटर से आग लगा दी। सर्जीकल गिलब्स भी पहने थे। हल्की सी लपट उसके हाथ पर आई थी। उसने अपने कपड़ों से रगड़कर आग बुझा दी। इसके बाद दोनों आगे दक्षिणी बाईपास पर चढ़ गए। वहां रेलवे लाइन के पास कट पर उतरे। उन्हें कागारौल जाना था।
विजय ने रुककर देखी घटना
विजय की ड्यूटी यह थी कि उसे अकेले दस मिनट घटना स्थल पर रुकना था। वहां क्या हुआ, इसकी जानकारी उस जगह आकर देनी थी जो मिलने के लिए पहले से चिन्हित थी। विजय ने पूरा घटनाक्रम देखा। दक्षिणी बाईपास पर चढ़कर रेलवे लाइन पर पहुंचा। पूरी घटना बताई। यह बताया कि आग कैसे बुझी। छात्रा को कैसे अस्पताल ले जाया गया। वहां क्या हुआ।
कागारौल में जाम देख मुड़ गए
एसएसपी अमित पाठक के अनुसार हत्यारोपियों को कागारौल की तरफ जाना था। वहां जाम लगा हुआ था। इस कारण तीनों वहां से खेरागढ़ की तरफ मुड़ लिए। सैंया क्षेत्र में जौनई के पास रुके। जंगल में कपड़े, सर्जीकल गिलब्स, बाइक पर बांधा डिब्बा जला दिए। यहां से खेरागढ़ उसी दोस्त के घर पहुंचे,जहां से योगेश बाइक मांगकर लाया था।
15-15 हजार का दिया लालच
जेल भेजे गए आरोपित विजय और आकाश ने पुलिस को बताया कि योगेश ने उन्हें 15-15 हजार रुपये का लालच दिया था। वह शातिर था। उन्हें पैसे भी नहीं दिए। खेरागढ़ निवासी योगेश के दोस्त ने बताया कि सुबह योगेश आया तो उससे बोला कि लौटते में बिजली कंपनी के दो कर्मचारी साथ होंगे। उन्हें कुछ पैसे देने हैं। उसके पास अभी नहीं हैं। वह उससे मांगेगा। वो बहाना बना दे कि पत्नी डॉक्टर के पास गई है। एटीएम साथ ले गई है। शाम को दे देगा। खेरागढ़ वाला दोस्त घटना से अंजान था। उसने ऐसा ही बोल दिया। योगेश ने विजय और आकाश को यह झांसा दिया कि घर पहुंचकर मां का एटीएम लेगा। उन्हें मलपुरा नहर पर मिलेगा। वहां पैसे दे देगा। दोनों मलपुरा नहर पर आ गए। एक घंटा इंतजार किया, मगर योगेश मिलने नहीं आया। योगेश ने उनसे पहले ही बोल दिया था कि संपर्क वह करेगा। उनकी तरफ से उसे कोई कॉल नहीं होगी।