शहीद अजय कुमार को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, हाथों में तिरंगे लेकर श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग

जांबाज शहीद अजय कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह पार्थिव शरीर गांव बसी टीकरी पहुंचा। यहां से अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर को पतला स्थित आईटीआई खेल के मैदान लाया गया। अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देखकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था।

वहीं आस-पास के इलाकों से भी लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। शहीद के घर पर जुटी भीड़ ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। लोग हाथों में तिरंगे लेकर शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे। अंतिम सलामी के बाद सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में मेरठ के जांबाज अजय कुमार शहीद हो गए। इसकी जानकारी लगने पर मेरठ के लोगों में आतंकियों और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है। जवान अजय की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए।

पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचने से पहले ही लोग जवान पर फूल बरसाने की तैयारी कर रहे थे। ट्रैफिक पुलिस ने शहीद के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए रूट निर्धारित कर लिया था। इसको देखते हुए थानेदारों की ड्यूटी भी लगाई थी। ताकि पार्थिव शरीर को समय से बसी टिकरी पहुंचाया जा सके।
शहीद अजय के घर पहुंचने वालों में मेरठ के प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ  नाथ सिंह , राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, मेरठ के भाजपा विधायक दिनेश खटीक, संगीत सोम, जितेंद्र सतवाई, सोमेंद्र तोमर, सतवीर त्यागी, वरिष्ठ भाजपा नेता चौधरी अजीत सिंह, सांसद राजेंद्र अग्रवाल व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह शामिल हैं। ये सभी दिग्गज शहीज अजय के पैतृक आवास पहुंचे और शहीद के परिजनों को सांत्वना दी।
यहां गांव में पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाते हुए लोग शहीद के घर पहुंच रहे हैं। वहीं परिजनों ने राजनेताओं का विरोध भी किया और पीएम मोदी की वाराणसी रैली पर भी सवाल उठाए।
शहीद अजय के गांव में लोगों में सरकार के खिलाफ भी खूब गुस्सा फूटा। लोगों ने पीएम मोदी को वोट देने से भी इंकार किया। लोगों शहीद के घर पहुंचे नेताओं से सवाल करते हुए कहा कि हमारे जवान मारे जा रहे हैं और नेता दिल्ली में बैठकर क्या करते हैं।
हमें गर्व है, तिरंगे में लिपटकर आएगा हमारा ‘अजय’ 
अजय के शहीद होने की खबर से गांव बसी टीकरी स्तब्ध था। हर गली में सन्नाटा पसरा था। ग्रामीण पाकिस्तान को कोस रहे थे। उनका कहना था कि हमें गर्व है कि गांव का लाल तिरंगे में लिपटकर आएगा। दिनभर गांव में लोगों का आना-जाना लगा रहा। सभी को अजय के अंतिम दर्शन का इंतजार था। अजय कुमार पुलवामा में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में रविवार देर रात शहीद हो गए।
सिवालखास विधानसभा क्षेत्र के गांव बसी टीकरी का जांबाज देश के लिए कुर्बान हो गया। उसकी शहादत का बदला लेेने के लिए हर ग्रामीण में आक्रोश है। युवा से लेकर वृद्ध तक ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे। वहीं ग्रामीणों में इस बात का भी गुस्सा था कि सुबह शहादत की खबर आने के बाद भी कोई नेता गांव नहीं पहुंचा। प्रशासनिक अफसर भी दोपहर 2:30 बजे पहुंचे।
हुक्का गुड़गुड़ा कर पाकिस्तान पर चोट
गांव के बुजुर्ग हुक्का गुड़गुड़ा कर सरकार की नीतियों और पाकिस्तान को कोसने में लगे रहे। घर के बाहर बैठे बुजुर्गों ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने में देर कर दी है।

सूनी हुईं गलियां, ठंडे पड़े चूल्हे
गांव के हर छोर पर अजय की शहादत के चर्चे थे। सबकी नजरें अजय के पार्थिव शरीर के आने पर लगी रहीं। गलियां सूनीं हो गईं और सभी लोग अजय के घर पर जुटे रहे। घरों में चूल्हे ठंडे पड़े रहे। गांववासियों को अजय की शहादत पर गर्व था तो पाकिस्तान की कायरता पर आक्रोश।