विधानमंडल सत्र आज से, हंगामे के आसार, राज्यपाल संयुक्त अधिवेशन को करेंगे संबोधित

विधानमंडल का वर्ष 2019 का पहला सत्र आज से प्रारंभ होगा। इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। पहले दिन राज्यपाल राम नाईक दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। सपा, बसपा व कांग्रेस के सदस्य उनके अभिभाषण पर विरोध जता सकते हैं।

विपक्षी दलों ने सोमवार को अलग-अलग बैठकें जहां सरकार को घेरने की रणनीति बनाई, वहीं भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने और विरोधियों को जवाब देने की रणनीति पर चर्चा हुई।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वदलीय बैठक में सदन के संचालन में सभी से सहयोग की अपील की। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले विधानमंडल के सत्र में विपक्षी दलों ने आक्रामक तेवर अख्तियार करने केसंकेत दिए हैं। ऐसी संभावना है कि राज्यपाल विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने आएंगे तो उन्हें विपक्षी दलों की नारेबाजी व हंगामे का सामना करना पड़ सकता है।

विपक्षी दल किसानों, खासतौर से गन्ना, आलू किसानों के मुद्दे उठाएंगे। इसी के साथ कानून व्यवस्था, कर्ज के चलते गोरखपुर में एक ही परिवार के पांच लोगों की आत्महत्या, किसानों की आत्महत्या, बुलंदशहर में भीड़ द्वारा इंस्पेक्टर की हत्या और महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारने जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में 15 प्वाइंट रोस्टर को वापस लेने जैसे विषय भी उठाने की तैयारी है। हो सकता है कि विपक्ष सदस्य मंगलवार को सवेरे 10 बजे से ही विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर दें। सदन की कार्यवाही 11 बजे प्रारंभ होगी।
विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन से प्रस्तावित कार्यक्रम पर मुहर लगा दी। इसके मुताबिक 5 फरवरी को 11 बजे राज्यपाल का अभिभाषण होगा और 6 फरवरी को उनके अभिभाषण पर चर्चा होगी।
7 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। 8 फरवरी को भी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 9-10 जनवरी को अवकाश रहेगा। 11 फरवरी को बजट पर सामान्य चर्चा प्रारंभ होगी।

किसानों व कानून व्यवस्था के मुद्दे प्रमुखता से उठाएगी सपा

सपा विधानमंडल दल की सोमवार को पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में जनहित के मुद्दों को दोनों सदनों में प्रमुखता से उठाने का फैसला लिया गया। किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान 14 दिन के बजाय 14 माह में भी नहीं होने, आलू किसानों की बदहाली, धान खरीद में बिचौलियों की सक्रियता जैसे मुद्दे सदन में गूजेंगे।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार से जनता का भरोसा उठ गया है। सरकार ने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया है। छात्र, नौजवान, किसान, मजदूर, व्यापारी हर वर्ग परेशान है। जनता के सवालों को पूरी शिद्दत के साथ दोनों सदनों में उठाया जाए।
बसपा-रालोद से गठबंधन का स्वागत
विधानमंडल दल की बैठक में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने प्रस्ताव पेश करके बसपा व राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का स्वागत एवं समर्थन किया। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष के सभी फैसलों पर अमल करने का संकल्प व्यक्त किया गया।
सीबीआई के राजनीतिकरण का विरोध
विधानमंडल दल की बैठक में रखे गए एक अन्य प्रस्ताव में भाजपा सरकार की अलोकतांत्रिक गतिविधियों पर विरोध जताया गया। बैठक में भाजपा सरकार द्वरा सीबीआई का राजनीतिक इस्तेमाल करने, विपक्ष के प्रति बदले की भावना से कार्रवाई करने और संविधान की मंशा के विपरीत अलोकतांत्रिक आचरण करने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया।