लोकसभा चुनाव 2019 : गाजियाबाद के साढ़े तीन लाख नए वोटर होंगे इस बार मतदान में शामिल

देशभर में लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019)- का आगाज हो गया है। निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। गाजियाबाद जिले में पिछले कई माह से चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी की टीम नए वोटर से लेकर पुराने वोटरों की लिस्ट लोकसभा चुनाव के अनुसार तैयार कर रही है।

पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार करीब तीन लाख 58 हजार 488 से अधिक वोटर लिस्ट में बढ़ चुके हैं। वहीं 18 से 19 साल की आयु वाले पहली बार वोट करने वालों की संख्या 51 हजार 685 के आसपास है। जिला मुख्यालय स्तर पर इस मतदाता सूची को दुरुस्त करने का काम जारी है।

वर्ष 2014 में मत प्रतिशत 

कुल मतदाता : 2357546

डाले गए वोट : 1342320

कुल मत प्रतिशत : 56.94

पुरुष मतदाता : 1333051

वोट डालने वाले : 782170

कुल मत प्रतिशत :    58.68

महिला मतदाता : 1513963

वोट डालने वाले : 560150

कुल मत प्रतिशत : 54.68

विजयी पार्टी भाजपा को मिले वोट : 56.49%

गाजियाबाद लोकसभा चुनाव

साल                     2014                   2019

कुल वोटर            2357546            2715871

पुरूष वोटर          1333051            1513963

महिला वोटर        1513963            1201705

वर्ष 2014 में प्रत्याशियों को मिले वोट

भाजपा-758482 (56.49 प्रतिशत)

कांग्रेस-191222

बसपा-173042

वर्ष-2019 में पहले बार वोट डालने वाले (18 से 19 साल के वोटर)

पुरुष        27172

महिला      24513

विकास की गति में बाधक बनीं शहर की प्रमुख पांच समस्याएं 

गाजियाबाद। गाजियाबाद में मुख्य रूप से पांच समस्याएं है। जिनका निदान नहीं हो रहा है। इसमें मुख्य रुप से प्रदूषण, डंपिंग ग्राउंड, लगातार गिरता भूजल, अपराध, जाम है। जो इस प्रकार है।

1. प्रदूषण में समस्या से जूझ रहा है शहर 

गाजियाबाद प्रदूषण के समस्या से जूझ रहा है। यह देश सहित विदेश में भी सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में अपनी जगह बना चुका है। यहां रियल स्टेट और सड़कों का निर्माण कार्य चलने के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है। इसके अलावा जाम की समस्या के कारण भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। सर्दी और दिवाली के आसपास प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक तक लगाना पड़ जाती है। वहीं शहर में प्रदूषण फैलाने वाली कई कंपनियां है। प्रदूषण को रोकने के लिए कई बाद एनजीटी भी दिशा निर्देश जारी कर चुका है।

2. नागरिकों को नहीं मिल पा रहा भरपूर पानी

शहर के लोगों को जरूरत के हिसाब से भरपूर पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जहां प्रति व्यक्ति 150 लीटर पानी की आवश्यकता है, वहां केवल 129 लीटर पानी ही उपलब्ध कराया जा रहा है। नगर निगम के आंकड़ों पर गौर करें तो नगर की 19 लाख आबादी को पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन उपलब्धता नहीं होने के कारण कम आपूर्ति होती है। नगर निगम जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता आनंद त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में शहर में 400 एमएलडी पानी की जरूरत है। हाल में 325 एमएलडी ही उपलब्ध हो पा रहा है। अमृत योजना के तहत कई योजना चल रही हैं।

3. कूड़ा निस्तारण न होना सबसे बड़ी समस्या

गाजियाबाद नगर निगम से प्रति दिन एक हजार मीट्रिक  टन कूड़ा निकाला जाता है, लेकिन कूड़े का निस्तारण नहीं हो पाता है, क्योंकि नगर निगम के पास न कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है। प्रताप विहार में बने अस्थाई डंपिंग ग्राउंड की हालत खराब है। यहां कूड़ा का पहाड बन गया है। इस कूड़े से उठने वाली बदबू से आसपास का वातावरण भी दूषित हो रहा है। इस समस्या के निदान के लिए गालंद में आधुनिक डंपिंग ग्राउंज प्रस्तावित है। इसको लेकर पिछले कई सालों से कार्य तल रहा है लेकिन अभी तक यह कार्य धरातल पर नहीं आया है।

4. जाम से घिरा रहता है शहर

गाजियाबाद जाम नगरी बन गई है। हर रोज लोगों को जाम से जुझना पड़ता है। मुख्य मार्गों से लेकर आंतरिक सड़कों पर जाम लगा रहता है। लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या जाम की है। शहर के तीन मुख्य मार्गों पर जाम से लोग पूरे दिन परेशान रहते हैं। बाहरी मार्गों का जाम का असर आंतरिक मार्गों में पर भी बना रहता है। दिल्ली मेरठ रोड से लेकर जीटी रोड पर लालकुआं, मॉडल टाउन, घंटाघर, दिल्ली गेट और मेरठ तिराहा जाम के प्रमुख बिंदू हैं। इसके अलावा भी एनएच-24 सहित अन्य सड़कों पर भी जाम लगता है।

5. नहीं घट रहा अपराध

गाजियाबाद के विकास के साथ यहां अपराध ने भी पैर पसारे। एक दौर था जब जिले में सुंदर भाटी, सतबीर गुर्जर, नरेश भाटी, महेंद्र भौजी समेत तमाम गिरोह सक्रिया थे। इन्हीं का राज शहर पर चलता था। गाजियाबाद के गैंगवार पर बॉलीवुड में जिला गाजियाबाद नाम से फिल्म बनाई गई है। इस फिल्म को दर्शकों ने सभी ने पसंद भी किया। वक्त से साथ गाजियाबाद में गैंगवार की जगह अन्य अपराध ने ले ली है। पिछले साल के आंकड़ों की  बात करे तो गाजियाबाद में हत्या, लूट, दुष्कर्म, छेड़छाड़, ऑनलाइन ठगी आदि अपराध होते हैं। इसमें सबसे ज्यादा हत्या के मुकदमे गाजियाबाद में चल रहे हैं।