लाल चावल को भी जीआई टैग, उत्तराखंड के इन शहरों की ‘चाय’ बनेंगी अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड

उत्तराखंड के लाल चावल, बेरीनाग की चाय, बुरांस के शरबत को भी जल्द ही भौगोलिक संकेतांक यानि जीआई टैग मिल सकता है। इनके साथ ही नौ और उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सरकार जीआई टैग दिलाने की तैयारी कर रही है। अब तक राज्य के आठ उत्पादों को जीआई टैग हासिल हो चुका है। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार राज्य के उत्पादों को जीआई टैग मिलने से उन्हें उत्तराखंड की विशिष्ट पहचान के साथ जाना जाएगा।

त्तराखंड में अब तक आठ उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। इनमें कुमांऊ के च्यूरा ऑयल, मुनस्यारी की राजमा, उत्तराखंड के भोट क्षेत्र का दन, उत्तराखंड के ऐपण, रिंगाल क्राफ्ट, ताम्र उत्पाद एवं थुलमा शामिल हैं।

उत्तराखंड में सबसे पहले तेजपत्ता को जीआई टैग मिला था। इस टैग के मिलने से संबंधित वस्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान के साथ स्थापित हो जाती हैं।

इन्हें भी मिलेगा जीआई टैग:लाल चावल, बेरीनाग की चाय, गहत, मंडुआ, झंगोरा, बुरांस का शरबत, काला भट, चौलाई/ रामदाना, अल्मोड़ा की लाखोरी मिर्च, पहाड़ी तोर दाल, माल्टा।