पटना। देश के चर्चित रेल टेंडर घोटाला (आइआरसीटीसी घोटाला) मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें सीबीआइ व ईडी के मामलों में नियमित जमानत दे दी है। आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में लालू यादव की पेशी हुई और कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत दे दी।
मालूम हो कि इससे 20 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव को अंतरिम जमानत दी थी। इस मामकले में तेजस्वी और राबड़ी देवी को कोर्ट ने छह दिसंबर को ही अंतरिम जमानत दे दी थी।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के लिए राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पहुंचे और कोर्ट में पेश हुए। लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में रांची के होटवार जेल में बंद हैं और तबीयत खराब होने की वजह से उनका इलाज रांची के रिम्स अस्पताल में चल रहा है।
जानिए क्या है रेलवे टेंडर घोटाला मामला….
वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था। सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिये गये थे।
आरोप के मुताबिक, टेंडर दिये जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी।
जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गयी थी और बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गयी, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी।