
जिलों में 50 फीसदी अभिभावकों के खाते में धनराशि पहुंच गई है हालांकि यूनिफार्म या अन्य सामान की खरीदारी का प्रतशित अभी कम है क्योंकि अभी गांवों में धान की कटाई चल रही है। प्रदेश के सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में 1.80 करोड़ विद्यार्थी पंजीकृत हैं और इनमें से 1.20 करोड़ विद्यार्थियों के खाते में धनराशि भेजी गई है।
50 फीसदी को ही मिला डीबीटी का पैसा-
अयोध्या में 2.42 लाख में से सवा लाख विद्यार्थियों खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है। वहीं लखनऊ में 40 फीसदी विद्यार्थियों को ही पैसा मिल पाया है। बाराबंकी में 51.12% बच्चों के खाते में पैसा भेजा जा चुका है। 419440 छात्र-छात्राएं यहां पंजीकृत हैं और उनमें से 214410 बच्चों को डीबीटी का लाभ मिला है। रायबरेली में 2.58 लाख विद्यार्थी में से 1.84 लाख विद्यार्थियों को धनराशि दी जा चुकी है। सीतापुर में 1.54 लाख विद्यार्थियों को पैसा दिया जा चुका है लेकिन यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काफी संख्या में लोग गांव से पलायन कर चुके हैं। ऐसे में क्षेत्रीय शिक्षक अभिभावकों से संपर्क कर लॉगिन व निष्क्रिय खातों को प्रक्रिया में ला रहे हैं। बलरामपुर में 2.75 लाख छात्रों में से 98307 छात्रों को जूता, मोजा ,यूनिफॉर्म, स्वेटर व बैग के लिए डीबीटी कर दिया गया है। गोण्डा में पंजीकृत 4.11 लाख छात्र छात्राओं के अभिभावकों मे से 1.27 लाख के खाते मे पैसा भेजा गया जबकि 40640 लोगों के खाते सक्रिय न होने की वजह से धनराशि वापस भेज दी गई। वहीं बहराइच में 20 फीसदी अभिभावकों को ही पैसा मिल पाया है।
हालांकि धनराशि भेजे जाने के 15 दिन बाद भी अभी तक नई यूनिफार्म व स्कूल बैग लिए बच्चे नहीं दिख रहे हैं।