
वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूर्व के अनुभवों के आधार पर चुनावी हिंसा की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है।
पिछले चुनाव में चरणवार फोर्स की तैनाती, सभी जिलों में चुनाव से पहले उपद्रवियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई, चुनाव के दिन हुई हिंसा की घटनाओं और नामांकन से लेकर मतगणना तक में पुलिस प्रबंधों का ब्योरा मांगा गया है।
वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव और वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव प्रदेश में पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ था। पड़ोसी देश नेपाल और पड़ोसी राज्यों से सटे प्रदेश के जिलों में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए खास कार्ययोजना बनाई जा रही है।
योग के निर्देश पर ऐसे पुलिस कर्मियों को चिह्नित करने का काम भी चल रहा है, जो किसी एक जिले में तीन साल से अधिक समय से तैनात हैं। इसके लिए शासन स्तर से दो अलग-अलग कमेटी बनी हुई है। आयोग ने दागियों समेत ऐसे सभी पुलिस कर्मियों को हटाने का निर्देश दिया है, जिनकी किसी एक जिले में तैनाती की अवधि 31 मार्च 2022 को तीन वर्ष पूरी हो रही है। जल्द ही ऐसे पुलिस कर्मियों के तबादले का आदेश जारी होने की उम्मीद है।