यूपी पालीटेक्निक में 59 करोड़ का वेतन घोटाला, बिना वित्तीय स्वीकृति बांटा ग्रेड वेतनमान; अब शिक्षकों से होगी वसूली

प्राविधिक शिक्षा विभाग ने बिना वित्तीय स्वीकृति के पालीटेक्निक के शिक्षकों को ग्रेड वेतनमान दे दिया। लखनऊ समेत सूबे के 150 सरकारी और 18 सहायता प्राप्त ऐसे 321 शिक्षकों को से अब वसूली करने का आदेश जारी हो गया है। सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों को नोटिस भेज कर पेंशन के अतिरिक्त भुगतान की वूसली की जा रही है।

बढ़ा कर दे दिया गया वेतनमान: प्राविधिक शिक्षा विभाग में नौकरी के दौरान समयानुसार ग्रेड पे बढ़ता रहता है। लेक्चरर पद के वेतन मान में 5400, 6600 और 7600 का ग्रेड वेतन रहता है। पदोन्नति के सापेक्ष ग्रेड के अनुसार वेतन लगाना चाहिए था। विभाग ने सूबे के 321 शिक्षकों के वेतन के ग्रेड में मनमानी बढ़ोतरी कर दी। 5400 ग्रेड वेतन वाले को सीधे 7600 का ग्रेड पे दे दिया गया। इससे हर महीने 10 से 15 हजार के बीच अतिरिक्त वेतन जाने लगा जो 1992 से लगातार वरिष्ठता के अनुरूप जा रहा था।

ऐसे खुला मामला: 2019 में लखनऊ के राजकीय पालीटेक्निक के प्रवक्ता आरसी द्विवेदी सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने विभाग को पत्र लिखकर 7600 के ग्रेड पे को बढ़ाकर 8700 करने की मांग विभाग से की। मामला शासन और वित्तीय समिति के पास आया तो जांच की गई तो पता चला कि इनके ग्रेड पे का निर्धारण ही सेवानियमावली के अनुरूप नहीं है। आपत्ति के साथ ही लेक्चरर व प्रवक्ता पद के ग्रेड पे की शुरुआत हुई तो पता चला कि सूबे के 150 राजकीय पॉलीटेक्निक के 254 और सहायता प्राप्त 18 संस्थानों के 67 शिक्षकों को हर माह अतिरिक्त वेतनमान दे दिया गय

विशेष सचिव ने निदेशक को दिया वसूली का आदेश: 30 मार्च 2021 को विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा सुनील कुमार चौधरी ने सेवा में रहे ओर सेवा निवृत्त ऐसे शिक्षकों से वूसली का आदेश जारी कर दिया। अब शिक्षकों से सेवाकाल के अनुरूप बढ़े ग्रेड पे वेतन के हिसाब से नौ लाख से लेकर 22 लाख प्रति शिक्षक की वूसली हो रही है। नौकरी करने वाले से वूसली तो संभव है लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षकों की वूसली को लेकर विभाग असमंजस है। लखनऊ पालीटेक्निक से 30 जून को सेवानिवृत्त हुए अभय कुमार शर्मा को वर्तमान वेतनमान केअनुरूप 47900 रुपये पेंशन मिलनी चाहिए जो गड़बड़ी खुलने के बाद 28740 रुपये प्रतिमाह हो गई है। यही नहीं 1883964 रुपये की वसूली का आदेश भी मिल गया है जिससे सेवानिवृत्त पूर्व देयों को रोक दिया गया है। अकेले अभय कुमार ही नहीं देवेश अग्निहोत्री, विमल शुक्ला, मो.खालिद समेत 298 ऐसे सेवानिवृत्त हैं जिनके लाखों की वसूली होनी है।

प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि वेतनग्रेड में गड़बड़ी सामने आई है। विशेष सचिव के आदेश का पालन कराया जा रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षकों से वसूली करने की चुनौती भी सामने है। वित्तीय स्वीकृति के बिना ग्रेड पे बढ़ाने से यह गड़बड़ी हुई। सभी से अतिरिक्त वेतन की वूसली की जाएगी।