मानसून की बारिश से हुआ जलभराव से किसानो की फसल हुई बर्बाद

चरखी दादरी। जिलेे में मानसून की बारिश से हुआ जलभराव किसानों को घाव दे रहा है। जिले के दस से अधिक गावों में पांच हजार एकड़ से ज्यादा मेें फसल बर्बाद हो गई है। इन भूमि के मालिकों को रबी फसलों की बिजाई की भी चिंता सता रही है। अगर समय रहते खेतों से पानी की निकासी नहीं हो सकी तो किसान अगली रबी की फसलों की बिजाई भी नहीं कर पाएंगे। सबसे ज्यादा गांव इमलोटा में करीब तीन हजार एकड़ में खड़ी फसल में नुकसान हुआ है। इस गांव का कुल रकबा करीब 4400 एकड़ है।

इस मानसून सीजन में जिले में जुलाई से लेकर अब तक 379 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिश से जलभराव होने पर फसलों में ज्यादा नुकसान हुआ है। खरीफ की बाजरा, कपास,ज्वार की फसलें ज्यादा मात्रा में जलभराव होने से खराब हो गई हैं। किसानों ने इन फसलों की बिजाई पर मोटा पैसा खर्च कर रखा है, जिससे किसान को लागत मिलना तो दूर अब घाटा झेलना पड़ेगा। किसानों को अगली रबी की फसलों की बिजाई की भी चिंता सताने लगी है।

गांव इमलोटा निवासी ओमप्रकाश, धर्मबीर सिंह, सोनू, राजबीर, मांगेराम, नसीब, सुरेश कुमार, रामनिवास, सतबीर, रामेश्वर, महेंद्र, विद्याधर, हवा सिंह, बलबीर व प्रवीन आदि ने बताया कि उनके गांव का कुल कृषि योग्य रकबा 22 हजार बीघा यानी 4400 एकड़ है। ओमप्रकाश ने बताया कि एक हजार एकड़ क्षेत्र को छोड़कर शेष जमीन में जलभराव बना हुआ है। खरीफ की फसल खराब हो गई हैं। अगर जल्दी ही पानी की निकासी नहीं की गई तो अगली रबी की फसलों की बिजाई भी नहीं हो पाएगी जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी। किसान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है।

भागवी में 700 तो मोरवाला में 500 एकड़ जमीन जलमग्न

ओमप्रकाश ने बताया कि इसी प्रकार साथ लगते गांव भागवी में भी करीब 800 एकड़ से ज्यादा फसल में जलभराव बना हुआ है जिससे फसलें नष्ट हो गई हैं। गांव मोरवाला में करीब 500 एकड़, बिगोवा में करीब 400 एकड़, सरूपगढ़ में 150, सातौर में करीब 300 और नीमली में करीब 200 एकड़ फसल जलमग्न है। इसके अलावा कंहेटी, बधवाना, साहुवास और फतेहगढ़ के खेतों में भी जलभराव की समस्या है।

ड्रेन निर्माण प्रोजेक्ट पूरा होने में लगेगा समय

जलभराव वाले गांवों से पानी की निकासी तो की जा रही है, लेकिन बीच-बीच में बारिश हो जाने पर फिर उतनी ही मात्रा में पानी भर जाता है। ज्यादा मात्रा में पानी भरने से जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर होने लगी है। किसानों ने बताया कि इस क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइप लाइन ड्रेनों का निर्माण कार्य तो चल रहा है। इस क्षेत्र में तीन ड्रेनों का निर्माण सिंचाई विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। इन ड्रेनों से इस क्षेत्र का पानी उठाकर नहर में डाले जाने की व्यवस्था पर काम चल रहा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी पूरा होने में और समय लगेगा।

इन गांवों से हम पंप लगाकर पानी की निकासी कर रहे हैं। हमारे प्रयास है कि जल्द से जल्द पानी की निकासी कर दी जाएगी।

वेदपाल सिंह, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, मेकेनिकल शाखा