
नई दिल्ली: भारत में इस साल 27 फरवरी तक ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) के कुल 90 मामले दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार को लोकसभा में इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने दी।
मंत्री ने बताया कि इन मामलों में से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 88 मरीजों का इलाज के बाद सफलतापूर्वक डिस्चार्ज कर दिया गया है।
HMPV क्या है?
HMPV एक श्वसन वायरस है, जो 2001 से दुनियाभर में मौजूद है। यह मुख्यतः सर्दियों और वसंत ऋतु की शुरुआत में लोगों को संक्रमित करता है। यह वायरस हर उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है और इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं।
लक्षणों में खांसी, नाक बहना, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत शामिल हो सकते हैं। हालांकि, यह संक्रमण अधिकतर मामलों में हल्का होता है और मरीज खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं।
मृत्यु के पीछे कारण
मंत्री जाधव ने बताया कि जिन दो लोगों की मृत्यु हुई है, उनकी मौत का कारण को-मॉरबिडिटी (यानी पहले से मौजूद अन्य गंभीर बीमारियां) था, न कि सीधे तौर पर HMPV संक्रमण।
निगरानी और रोकथाम के उपाय
मंत्री ने एक अन्य लिखित जवाब में बताया कि इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के डेटा के अनुसार देश में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है। इस डेटा की पुष्टि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सेंटीनेल सर्विलांस डेटा ने भी की है।
सरकार ने HMPV के मामलों की निगरानी और रोकथाम के लिए कई विशेष कदम उठाए हैं। इसके तहत जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जिसमें HMPV के लक्षणों और बचाव के तरीकों की जानकारी दी जा रही है।