वजह मजबूत रुपया रहा है। रुपये की मजबूती ने सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल और डीजल के रेट्स घटाने में मदद की है। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें और रुपये-डॉलर का एक्सचेंज रेट घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के पंप प्राइस पर असर डालता है। यह बात इस घटनाक्रम की सीधी जानकारी रखने वाले 2 लोगों ने बताई है।
उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने पिछले हफ्ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 30 पैसे की कटौती की। जबकि इससे पहले वाले हफ्ते के मुकाबले पिछले हफ्ते में रिफाइनर्स के क्रूड ऑयल परचेज (इंडियन बॉस्केट) की एवरेज कॉस्ट में 3 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में यह कटौती रुपये-डॉलर के एक्सचेंज रेट में फायदे के कारण संभव हो सकी।
रुपये में आई मजबूती से फ्यूल रेट्स घटाने में मिली मदद
इक्विटी रिसर्च फर्म Elara Capital में वाइस प्रेसिडेंट गगन दीक्षित ने बताया कि रुपये में आई मजबूती से फ्यूल रेट्स घटाने में मदद मिली। उन्होंने बताया, ‘डॉलर के मुकाबले रुपये में प्रत्येक 1 रुपये मजबूती से दिल्ली में पेट्रोल/डीजल की कॉस्ट (वैट समेत) 0.62 रुपये प्रति लीटर घट सकती है।’ एक्सचेंज रेट एक अहम कॉस्ट फैक्टर है, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी क्रूड ऑयल आयात करता है और इसका भुगतान डॉलर में करता है। भारत में साल 2020-21 में 26.7 अरब डॉलर कीमत का करीब 198 मिलियन टन क्रूड का आयात किया था।
पिछले हफ्ते क्रूड ऑयल प्राइसेज (इंडियन बॉस्केट) 71 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर थे, जबकि इससे पहले वाले हफ्ते में क्रूड ऑयल प्राइस 69 डॉलर प्रति बैरल के करीब थे। वहीं, इस अवधि में 74 रुपये से ज्यादा के मुकाबले रुपये 73 रुपये प्रति डॉलर के करीब रहा। रुपये में आई मजबूती से जो फायदा हुआ पिछले हफ्ते उससे 2 चरणों में फ्यूल प्राइस में कटौती की गई। 1 सितंबर को 15 पैसे दाम घटाए गए। इसी तरह 5 सितंबर को भी 15 पैसे की कटौती पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई। यह बात ऑयल कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताई है।