पूर्वांचल में बाढ़ का कहर:देखते ही देखते राप्ती में समा गए 105 मकान, इतिहास बन गया गोरखपुर का जगदीशपुर गांव

प्रकृति का प्रकोप कहे या शासन-प्रशासन की उदाशीनता। कभी 150 घरों से आबाद जगदीशपुर गांव में बचा अंतिम निशानी संजय पांडेय का पक्का मकान बुधवार को राप्ती नदी में विलीन हो गया। यह संयोग ही रहा कि रात में जब राप्ती की धारा ने मकान को अपने आगोश में लेना शुरू की तो संजय पांडेय और उनके परिवारीजनों की नींद खुल गई और वे बाहर निकल गए। इसी के साथ कभी हर वक्त गुलजार रहने वाला यह गांव इतिहास बन गया।

राप्ती नदी ने ऐसा कहर बरपाया कि जगदीशपुर गांव का अस्तित्व मिट गया। तकरीबन डेढ़ दशक से इस गांव पर कहर बरपा रही राप्ती नदी ने पिछले एक माह के भीतर शेष बचे 35 घरों को भी अपनी धारा मे समेट लिया। संजय पांडेय का मकान राप्ती नदी से थोड़ी दूरी पर था। अकेला संजय पांडेय का ही पक्का मकान बचा था। यही मकान गांव की अंतिम निशानी थी। राप्ती की धारा ने उसे भी नहीं बख्शा। संजय ने बताया कि रात में राप्ती की धारा उनके मकान को काटने लगी। वह अपने परिवारीजनों के साथ मकान से बाहर निकल आए। बुधवार की सुबह सवा सात बजे उनका मकान कटकर नदी में विलीन हो गया।

संजय पांडेय और उनका परिवार भी बेघर हो गया। राप्ती नदी की कटान इतनी तेज होने लगी थी कि संजय पांडेय और उनके परिवारीजन घर में रखे कीमती सामान, अनाज, कपड़े भी बाहर नहीं निकाल सके। संजय और संगम पांडेय ने बताया कि अब तक उन्हें मुआवजा मिला है और न ही जमीन ही उपलब्ध कराई गई है।

गांव के पुनर्वास को शासन ने दिए हैं 54 लाख

‘हिन्दुस्तान’की पहल पर उत्तर प्रदेश शासन ने जगदीशपुर गांव के 35 परिवरों के पुनर्वास के लिए 54 लाख रुपये अवमुक्त कर दिए हैं। इतना ही नहीं जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने इन परिवारों को कालोनी बनाकर देने का भरोसा भी दिलाया है।

जमीन को कराया जा चुका है अनुबंध

उप जिलाधिकारी गोला ने जगदीशपुर गांव के पुनर्वास के लिए जमीन का अनुबंध करा लिया है। जमीन की कीमत सर्किल रेट का चार गुना दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया जिसे शासन ने मंजूर करते हुए धन अवमुक्त कर दिया है।

जिलाधिकरी ने पुनर्वास तेज करने को कहा

जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बाढ़ प्रभावित गांवों के निरीक्षण के दौरान जगदीशपुर गांव का भी हाल जाना। ग्रामीणों ने उन्हें जगदीशपुर की तबाही के बारे में बताया। उन्होंने उप जिलाधिकारी गोला को निर्देश दिया कि इस गांव के लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया तेज की जाए। शीघ्र ही कालोनी बनाकर उन्हें आवंटित कर दी जाए।

एसडीएम व बीडीओ ने राहत सामग्री का कराया वितरण

ब्रह्मपुर संवाद के अनुसार चौरीचौरा में आई बाढ़ को लेकर शरण लेने वाले लोगों को बुधवार को एसडीएम अनुपम मिश्र व बीडीओ राजकुमार ने शासन से उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान खाद्यान्न किट, मिट्टी तेल व पशुओं के लिए भूसा वितरित कराया। बाढ़ राहत केंद्र बाबा भरदुर दास इंटर कालेज नरेंद्रपुर पर हरपुर गांव के बाढ़ पिंडितों में राहत सामग्री, आरडी पब्लिक स्कूल पर 350 पैकेट तथा प्रति एक कार्ड धारकों को दो-दो लीटर मिट्टी तेल वितरित किया गया। गीता देवी, बबीता, रूखमीना, मीरा, मुन्नी, दुरपति, रामनरेश, परमेश्वर, सोना, रामप्रिय, सुमित्रा आदि ने बताया की जो भी सामग्री मिली है, अच्छा है।

राहत सामग्री नहीं मिलने पर जाम लगाया

झंगहा व चौरीचौरा संवाद के अनुसार क्षेत्र के जयरामकोल, सधना तथा भरोहिया गांव के लोगों ने बुधवार को दिन में बाढ़ राहत सामग्री न मिलने के कारण झंगहा राजधानी मार्ग को जाम कर शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रतिआक्रोश व्यक्त किया। बाढ़ पीड़ित चंद्रिका, हीरा, भोला, बाघे, लोहा चौहान, बृजराज चौहान, सुधीर, मुसाफिर, रामअधार पासवान सहित तमाम पीड़ितों ने कहा कि पांच दिन बीत गए लेकिन उन लोगों को अभी तक किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। स्वास्थ्य विभाग की कोई भी टीम अभी तक बंधे पर नहीं आई है। राहगीरों के आग्रह पर बीस मिनट बाद जाम समाप्त हुआ। चौरीचौरा की नायब तहसीलदार अलका सिंह ने बताया कि जयरामकोल, सधना और भरोहिया में तहसील प्रशासन के अलावा व्यक्तिगत लोगों द्वारा भी खाने का पैकेट दिया जा रहा है।

ग्रामीणों की जागरूकता और निगरानी से बच गया रोहा तटबंध

चौरीचौरा संवाद के अनुसार राप्ती नदी के बरही पाथ बांध पर नदी का जलस्तर बढ़ने से काफी दबाव था। दबाव के चलते रोहा तटबंध में तेजी से रिसाव हो रहा था। रिसाव की सूचना पर जागरूक ग्रामीणों ने प्रशासन की नाक में दम कर दिया। इसका नतीजा रहा कि एसडीएम अनुपम मिश्र, तहसीलदार वीरेंद्र गुप्ता, नायब तहसीलदार लगातार तटबंध का निरीक्षण करते रहे और बाढ़ खंड को सख्ती के साथ रिसाव को रोकने का निर्देश देते रहे। बाढ़ खंड के जेई जितेंद्र कुमार पासवान, लेखपाल लेखपाल बसंत यादव, राज मिश्रा, आपदा मित्र कुलदीप कुमार ने गांव के संतोष शुक्ला, राहुल कुमार सहित तमाम लोगो के सहयोग से रिसाव को रोका। ये सभी लोग लगातार 10 दिनों से तटबंध पर कैम्प कर रहे हैं।

बाढ प्रभावित गावों में दवाएं वितरित

अकटहवा संवाद के अनुसार मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बीपी सिंह के निर्देशन में पशुचिकित्साधिकारी पीपीगंज डॉ. सुनील कुमार सिंह द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों अलगटपुर, सोना टीकर, मखनहा में पशु चिकित्सा शिविर लगाया गया। इस दौरान पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाएं दी गईं। इस दौरान 110 पशुओं का इलाज किया गया।

एसडीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया निरीक्षण

सहजनवा संवाद के अनुसार क्षेत्र में अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया जा रहा है। बुधवार को उपजिलाधिकारी सहजनवा सुरेश राय ने बाढ़ प्रभावित गांव कोदरी ,सुरगहना, मटियारा, भक़्सा, सिसई, अंसार आदि गांवों का निरीक्षण किया। गांवों के चारो तरफ बखिरा झील की वजह से जल जमाव बना हुआ है। उन्होंने बीडीओ को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में तत्काल सफाई कर्मियों को लगाकर साफ-सफाई कराई जाए। सीएचसी अधीक्षक को निर्देश दिया कि गांव में स्वास्थ्य टीम भेजकर शिविर लगाया जाए। लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं वितरित की जाएं।

राहत सामग्री बांटने के दौरान डूबने लगे पूर्व प्रमुख

झंगहा संवाद के अनुसार ब्रह्मपुर के पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं सपा नेता केशवनाथ यादव बुधवार को बड़हरा गांव में छत पर निवास कर रहे बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने गए थे। पैर फिसल जाने से वह गहरे पानी में गिर गए। वह डूबने लगे। हालांकि कुछ लोगों की मदद से वह किसी तरह बाहर निकल गए। पूर्व प्रमुख ने बड़हरा, राजधानी, लंगड़ा चौराहा, सेमरौना तथा चितहरी में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों के लिए वह लगातार सहयोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि तमाम लोगों तक राहत पैकेट नही पहुंच पा रहा है।

बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को लेकर धरना

चौरीचौरा संवाद के अनुसार समाजवादी पार्टी के नेता कालीशंकर ने राजधानी गांव मंगलपुर मे बाढ़ पीड़ितों को कोई सुविधा न मिलने पर बुधवार को सड़क के किनारे धरना दिया। बाढ़ पीड़ितों के जमीन पर सोने को लेकर नारजगी व्यक्त करते हुए सपा नेता ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को सड़क के किनारे कंकड़ पर सोना पड़ रहा है। उनके लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई व्यवस्था नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि मूलभूत सुविधाओं के साथ टेंट की व्यवस्था कराई जाए। उपजिलाधिकारी चौरीचौरा अनुपम कुमार मिश्र ने बातचीत कर आश्वासन दिया कि सारी व्यवस्थाएं सरकार की तरफ से कराई जा रही हैं। इसके बाद धरना समाप्त हो गया। इस दौरान रंजीत, बांके, नंदकिशोर, पिंटू पासवान, रिमझिम, सावित्री, गायत्री, नूर आलम, महेश, शरण, राम नयन, रामनिवास, देवकरण, लालमति, सहदेव, वीरेंद्र, वरुण, गणपति उपस्थित रहे।

भाजपा के शासन में कोई भूखा नहीं सोयेगा : सांसद

चौरीचौरा व झंगहा संवाद के अनुसार सांसद कमलेश पासवान ने बाढ़ से पीड़ित परिवारों में राशन किट वितरित कराया। सांसद ने राजधानी (सोनबरसा), राजधानी चेड़िया टोला, राजधानी बंधु सिंह छावनी, राजधानी (थनवारपार), राजधानी गुप्ता टोला, राजधानी बाजार टोला, राजधानी नाउर टोला, सिलहटा मुंडेरा(लेडीहवा), सिलहटा मुंडेरा (चौधरी), सिलहटा मुंडेरा (नवका), सिलहटा मुंडेरा (लोनिया), सिलहटा मुंडेरा (बड़हरा), बसुही, उपधौली, गोरसैरा, जयरामकोल, साधना, भरोहिया में बाढ़ पीड़ितों को 1500 राशन किट, सेनेटरी पैड एवं 20 हज़ार पैकेट पानी वितरित किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कोई भी भूखा नहीं सोएगा।

हियुवा ने भी वितरित की राहत सामग्री

चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहे हियुवा के जिला प्रभारी आनंद शाही ने बुधवार को बाढ़ पीड़ितों में राहत सामाग्री और खाद्यान्न वितरित किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े हैं। बाढ़ पीडित अपने को असहाय न समझें। जो भी मदद होगी की जाएगी। उनके साथ सुरेश पासवान, रामदुलारे चौधरी, धनराज निषाद, शत्रुघ्न पासवान, मनीष सिंह, आकाश सिंह, अष्टभुजा चौधरी, ओम प्रकाश पासवान, रामलाल, सुमित विश्वकर्मा, बाल गोविंद शर्मा, दिलीप पांडेय उपस्थित रहे।