
करोड़ों की धोखाधड़ी और निवेशकों के साथ मारपीट के आरोपी नीलगिरी इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह व एमडी ऋतु सिंह सहित अन्य सहयोगियों की कुंडली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) खंगालेगी। बुधवार को ईडी ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर से सीएमडी और एमडी के ऊपर दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी मांगी।
वहीं इस मामले में पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने एसआईटी गठित करने का फैसला किया। उधर, कंपनी के खिलाफ मंगलवार रात तक धोखाधड़ी के सात और मुकदमे चेतगंज थाने में दर्ज हुए। दो दिन में कुल 22 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इस दौरान कई पीड़ितों ने सीएमडी-एमडी की कारगुजारियों की पुलिस को जानकारी दी।
चेतगंज थाने में नीलगिरी कंपनी के मालिकों पर मुकदमा दर्ज कराने वाले झारखंड के गिरीडीह घुटवाली डूंगरी निवासी पप्पू कुमार महतो का आरोप है कि लुभावने ऑफर देकर लोगों को ठगा जाता था। नीलगिरी इंफ्रासिटी के गोल्डन स्काई टूर एंड ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड में 52,500 रुपये का निवेश किया था।
दो दर्जन मुकदमों का ब्यौरा ईडी के पास जाएगा
विकास और ऋतु ने कहा था कि अगले 60 हफ्ते तक प्रति हफ्ते 1000 रुपये मिलेंगे। कुछ हफ्ते तक जीएसटी काटकर उन्हें 900 रुपये मिले। इसके बाद पैसा नहीं मिला। कंपनी के कार्यालय पर पैसे की मांग करने आए तो विकास व ऋतु ने धमकी देकर भगा दिया।
पीड़ित पप्पू के अनुसार ऐसे ही उनके साथ के कई लोगों को ठगा गया। मंगलवार को सीएमडी-एमडी दंपती विकास और ऋतु सहित उसके प्रबंधक को जेल भेज दिया गया। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि नीलगिरी पर दर्ज दो दर्जन मुकदमों का ब्यौरा ईडी को भेजा जा रहा है। प्रकरण की प्रभावी जांच के लिए एसआईटी भी गठित की जाएगी।
पड़ताल के बाद जमीन में करें निवेश
पुलिस आयुक्त ए सतीण गणेश ने शहर वासियों से अपील किया कि जमीन में निवेश करने से पहले पूरी पड़ताल कर लें। जिस कालोनाइजर और कंपनी से जमीन रजिस्ट्री कराने वाले हैं उसके बारे में जानकारी जरूर करें। कचहरी में जमीन की पड़ताल अवश्य कराएं। जमीन या मकान खरीदते वक्त जल्दबाजी न कतई न करें। प्रलोभन देने वाले बिल्डर और कालोनाइजर सचेत रहें और यदि कोई बिल्डर या कालोनाइजर परेशान कर रहा हो या दबाव बना रहा हो तो संबंधित थाने में शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।