नीतीश सरकार का फैक्ट्री में काम करने वालों के हक में बड़ा फैसला, 7 दिन में अधिकतम 48 घंटे ही करना होगा काम

पटना

 कारखानों में काम करने वाले कामगार एक सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे ही काम करेंगे। इससे अधिक घंटे काम लेने की अनुमति फैक्ट्री संचालकों को नहीं दी जाएगी। इस तय अवधि में भी कामगार से एक दिन में अधिकतम 12 घंटे का काम कराया जा सकेगा। काम कराते समय पांच घंटे के बाद कामगारों को हर हाल में आधे घंटे का ब्रेक दिया जाएगा।

इसके तहत विभाग ने कहा है कि सप्ताह में 48 घंटे के अनुसार एक दिन में आठ घंटे ही कामगार काम करेंगे। अगर इससे अधिक काम कराया गया तो कामगार को साधारण दर की जगह दोगुने दर से वेतन देना होगा।

जिस फैक्ट्री में 500 कामगार होंगे, वहां एक सुरक्षा अधिकारी बहाल किया जाएगा। इससे अधिक कामगार होने पर अतिरिक्त सुरक्षा अधिकारी की बहाली करनी होगी। खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखानों में 250 कामगारों पर ही एक सुरक्षा अधिकारी बहाल होगा।

 कामगारों के काम के अलावा उनका पूरा ब्योरा एक रजिस्टर में रखा जाएगा। विभाग ने कहा है कि अधिक क्षमता वाले कारखाना संचालकों को चिकित्सा अधिकारी की भी बहाली करनी होगी। चिकित्सक समय-समय पर कामगारों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेंगे।

ठेका पर काम करने वाले कामगारों को भी परिसर में पूरी सुविधा दी जाएगी। फैक्ट्री परिसर में शौचालय, वाशरूम, पेयजल, नहाने की सुविधा अगर अपेक्षित हो, कपड़े बदलने का कक्ष, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, कैंटीन, शिशुगृह जैसी अन्य सुविधाएं ठेका श्रमिकों को देनी होगी। परिसर से हटकर काम करने वाले ठेका कामगारों को भी यह तमाम सुविधाएं दी जाएगी।

ठेकेदार को लेना होगा लाइसेंस

ठेका कामगार से काम कराने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस लेना होगा जो पांच वर्षों के लिए मान्य होगा। ठेकेदारों को 49 श्रमिकों से काम कराने पर लाइसेंस मद में कोई राशि नहीं देनी होगी। 50 से 100 ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदारों को एक हजार, 101 से 300 ठेका श्रमिकों को दो हजार, 301 से 500 ठेका श्रमिकों से काम कराने वालों को तीन हजार देने होंगे। जबकि 501 से 1000 ठेका श्रमिकों में पांच हजार, 1001 से 5000 ठेका श्रमिकों में 10 हजार, 5001 से 10 हजार ठेका श्रमिकों में 20 हजार, 10001 से 20 हजार ठेका श्रमिकों में 30 हजार तो 20 हजार एक से अधिक ठेका श्रमिकों से काम कराने वाले ठेकेदारों को लाइसेंस मद में 40 हजार देने होंगे।