दो शातिर गिरफ्तार, जिगोलो क्लब की मेंबरशिप और स्पा में नौकरी के नाम पर चल रहा था ठगी का कारोबार

आप जवान हैं। तंदुरुस्त हैं। एक रात में 10 हजार रुपये तक कमाना चाहते हैं तो जिगोलो क्लब के सदस्य बनें। शर्त एक ही है जहां जाएंगे किसी को नहीं बताएंगे। मोबाइल बंद रहेगा। किसी से खुद संपर्क नहीं करेंगे। कुछ इसी अंदाज में युवाओं को ठगने वाले तीन शातिरों को साइबर सेल और सदर पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा है। शातिरों से पूछताछ हुई तो पता चला कि ठगी के लिए वे कई तरीके अपनाते थे। जिगोलो क्लब उनकी ठगी का एक अंदाज था।

सदर थाने में बजाज फाइनेंस के मैनेजर ने धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को बताया था कि कुछ लोग बजाज फाइनेंस के कर्मचारी बनकर लोगों को सस्ती दरों पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। लोगों का लोन स्वीकृति का फर्जी लेटर तक भेज देते हैं। उनके पास कई ऐसे लोग आए, जिन्होंने लोन के लिए आवेदन नहीं किया था। शातिरों ने लोन स्वीकृति की फीस के नाम पर लोगों से पांच से 35 हजार रुपये तक ठग लिए। एसएसपी मुनिराज जी ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर सेल को लगाया। जांच हुई तो तीन शातिरों के नाम उजागर हुए।

साइबर सेल और सदर पुलिस ने घेराबंदी करके खेड़ाराठौर के गांव करनपुरी निवासी मुकेश व सोनू शर्मा तथा नालंदा, बिहार निवासी भोला कुमार को गिरफ्तार किया। आरोपियों से पूछताछ हुई तो पता चला कि उनके पास ठगी का एक नहीं, बल्कि कई तरीके हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बेरोजगारों को जाल में फंसाना बहुत आसान है। आज कल युवा ऐसे काम की तलाश में रहते हैं, जहां पैसे के साथ मस्ती भी हो। इसी वजह से वे ऑनलाइन जिगोलो क्लब के सदस्य बनने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन दिया करते थे। विज्ञापन देते ही फोन आना शुरू हो जाते थे। पहले वे युवाओं को बातों के जाल में फंसाते थे। उनसे उनकी फोटोग्राफ ऑनलाइन मंगाया करते थे। साक्षात्कार के नाम पर उनसे सवाल-जवाब करते थे। उनसे कहते थे कि अपनी तरफ से किसी से कुछ नहीं बोलना है। उन्हें पार्टियों में भेजा जाएगा। ऑन कॉल ऐसी महिलाओं के पास भेजा जाएगा, जो अकेली हैं और उन्हें किसी साथी की जरूरत है। इसके एवज में उन्हें पैसा मिलेगा। किसके पास भेजा। किसके साथ रात गुजारी, यह बात किसी से शेयर नहीं करना है।

ऐसी बातों से युवाओं को लगने लगता था कि वास्तव में कोई जिगोलो क्लब है, जिसके माध्यम से पैसा भी मिलेगा और मुफ्त में ऐश भी करेंगे। सिक्योरिटी मनी के रूप में वे फोन करने वालों से ऑनलाइन पैसा जमा करा लिया करते थे। ऐसे ही महिलाओं की मसाज करने के लिए स्पा सेंटर की भर्तियां निकाला करते थे। इसमें भी युवक बड़ी आसानी से जाल में फंस जाते थे। इंस्पेक्टर सदर अजय कौशल ने बताया कि तीनों आरोपियों को सोमवार को जेल भेज दिया गया।

हेलो गैंग से सीखा तरीका

पकड़े गए दो आरोपित खेड़ाराठौर के गांव करनपुरी के निवासी हैं। बाह और पिनाहट के बीहड़ से सटे गांवों में हेलो गैंग सक्रिय है। गैंग के सदस्य दूसरे प्रदेशों के लोगों के साथ साइबर ठगी करते हैं। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि हेलो गैंग से ही उनके जेहन में यह विचार आया। खुद भी साइबर अपराध शुरू कर दिया।