थाना प्रभारी सहित तीन सस्पेंड, पुलिसकर्मी से बोले- नौकरी खा जाऊंगा तेरी मैं, अनिल विज नाम है मेरा…

नौकरी खा जाऊंगा तेरी मैं, जानता है ना, अनिल विज नाम है मेरा। 20 लाख ले रखे हैं सरकारी नौकरी के नाम पर और तुम यहां कागज धरे बैठे हो।’ गृहमंत्री के यह कड़े तेवर बुधवार को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद पुलिस स्टेशन में देखने को मिले। बुधवार को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद थाने का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान छह मास से लटकी 33 शिकायतों पर कार्रवाई न होने पर विज ने थाना प्रभारी प्रेम सिंह को सस्पेंड करने के आदेश दिए और 15 दिन के अंदर इन शिकायतों पर एसपी डॉ. अंशु सिंगला से रिपोर्ट मांगी।सरकारी नौकरी के नाम पर 20 लाख और पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी की, अन्य शिकायत पर एफआईआर दर्ज न करने पर जांच अधिकारी एसआई रमेश कुमार और एएसआई सुदेश कुमार को भी सस्पेंड करने के आदेश जारी किए। सुबह करीब साढ़े 11 बजे पुलिस स्टेशन में घुसते ही गृहमंत्री विज सबसे पहले मुंशी के कमरे में गए। वहां उन्होंने कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर मंगवाया और उसकी जांच की। जांच के दौरान पांच पुलिस कर्मचारी थाने से गैरहाजिर मिले।इस पर उन्होंने गैरहाजिर पुलिस कर्मचारियों के थाने से रवानगी का कारण पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल पर जांचा। कंप्यूटर ऑपरेटर ने अनुपस्थित कर्मचारियों की रवानगी का कारण ऑफलाइन एमएस वर्ड पर दिखाने का प्रयास किया, जिसे गृहमंत्री ने तुरंत ही खारिज कर दिया।उन्होंने कहा कि थाने से अनुपस्थित कर्मचारी का सही कारण रजिस्टर व ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होना जरूरी है, क्योंकि कई कर्मचारी खिचड़ी पकाकर फरलो मारने का काम करते हैंइनमें से किसी भी शिकायत न तो कार्रवाई की गई थी और न ही किसी शिकायत को रोजनामचे में दर्ज किया गया था। इनमें एक शिकायत में सरकारी नौकरी के नाम पर 20 लाख हड़पने का आरोप था। इस शिकायत में कार्रवाई न होने पर एसआई रमेश कुमार को सस्पेंड करने के आदेश दिए गए।उसके बाद विज थाना प्रभारी के कमरे में पहुंचे, जहां छह माह में पुलिस स्टेशन में केसों के रिकॉर्ड की जांच की तो उसमें से 33 केस ऐसे थे जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस लापरवाही के लिए उन्होंने थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराते हुए सस्पेंड करने के आदेश दिया। इस दौरान एक मामला सामने आया कि जिसमें एक व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति से पांच लाख रुपये हड़पने की शिकायत दी हुई थी, लेकिन उस मामले में भी किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं थी। इसमें जांच अधिकारी एएसआई सुदेश कुमार से पूछा गया तो उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। इस पर एएसआई सुदेश कुमार को भी सस्पेंड करने के आदेश जारी करते हुए कहा कि अगर तुम्हारे बुलावे पर आरोपी थाने में नहीं आता तो तुम्हारी ड्यूटी किस काम की।