हिन्दू धर्म मे अक्षय त्रित्या का बहुत महत्व है। यह वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती हैइस दिन कोई भी सुबह कार्य किया जा सकता है।
क्यों मनाई जाती है –
अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका देवी के घर जन्म लिया था. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा करने का भी विधान है.
माता अन्नपूर्णा का जन्मदिन होता है। इसलिए इसे सुबह माना जाता है। और आज के दिन ही स्वर्ग से पृथ्वी पर माता गंगा अवतरित हुई थी। महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखना शुरू किया था. महाभारत में ही श्रीमद्भागवत गीता समाहित है और अक्षय तृतीया के दिन गीता के 18वें अध्याय का पाठ करना शुभ माना जाता है। इन सभी कारणों से इसे शुभ माना जाता है।